150 बड़े बकायादार: इन बकायादारों में 150 के लगभग बड़े बकायादार शामिल है। इन बकायादारों पर परिषद का हजारों रूपए का कर बकाया है। विभाग की माने तो इन करदाताओं पर लगभग पूरे कर का 30 प्रतिशत कर शेष है। ऐसे में यदि यह बकायादार ही राशि का भुगतान कर देते है तो परिषद को काफी राहत हो सकती है। इसके साथ ही नगर परिषद का सबसे ज्यादा कर सम्पत्ति और समेकित कर के रूप में लोगों पर बकाया बना हुआ है। संपत्ति और समेकित कर की राशि 11 लाख 18 हजार रूपए से अधिक है।
प्रकरण पहुंच रहे लोक अदालत: कुछ बकायादारों का परिषद पर वर्षों से कर बकाया बना हुआ है। इन बकायादारों पर परिषद द्वारा नोटिस जारी करने के साथ ही न्यायालयीन कार्रवाई तक प्रस्तावित की जा चुकी है। परिषद ने कुछ बकायादारों से तो लोक अदालत के माध्यम से बसूली की है।