मामले की जानकारी देते हुए जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने बताया कि मामला लगभग 5 वर्ष पुराना हैं। कुड़ीला थाने के ग्राम मऊ कड़वाहा निवासी एक नाबालिग को गांव का ही रानू उर्फ हरगोविंद साहू 24 वर्ष अपने साथ भगाकर ले गया था। नाबालिग के पिता ने इसकी शिकायत 18 अप्रैल 2014 को खरगापुर थाने में की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी एवं नाबालिग की तलाश शुरू कर दी थी।
3 वर्ष बाद मिला आरोपी: इस घटना के तीन वर्ष बाद पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि नाबालिग को भगा कर ले जाने वाला आरोपी अपने घर आया हुआ हैं। इस पर पुलिस ने आरोपी रानू के घर पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार करने के साथ ही नाबालिग को भी दस्तायाब कर लिया। पुलिस को यहां पर नाबालिग के साथ एक डेढ़ वर्ष का बच्चा भी मिला था, जो नाबालिग और आरोपी रानू का था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुराचार एवं पॉक्सों एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
मंदिर में की थी शादी: पीडि़ता ने बताया कि आरोपी द्वारा उसे शादी करने की बात कह अपने साथ ले गया था। आरोपी ने उसके साथ छतरपुर जिले के जटाशंकर धाम जाकर शादी की थी। इसके बाद आरोपी उसे लेकर दिल्ली, महाराष्ट, गुडग़ांव सहित अनेक स्थानों पर ले गया। यहां पर वह उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा। इससे उसे एक बच्चा भी हुआ था। इस बच्चें के जैविक माता-पिता का पता करने के लिए पुलिस ने इसका डीएनए टेस्ट भी करवाया था।
यह सुनाई सजा: इस मामले में चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश एवं पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश राजकुमार वर्मा ने आरोपी रानू उर्फ हरगोविंद साहू को धारा 366 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एल)/6 में 14 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं।