script बिना वेदमंत्रों के हुई शादी  | The marriage took place without Vedmntron | Patrika News
टीकमगढ़

 बिना वेदमंत्रों के हुई शादी 

शादी में न हिन्दू रीतिरिवाज को अपनाया गया और न ही पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार दूल्हे के सिर पर सेहरा और नाच-गाते बाराती मौजूद थे। 

टीकमगढ़Feb 26, 2016 / 11:30 pm

Widush Mishra

पृथ्वीपुर. टीकमगढ़.  एक अनोखी शादी, न वेदमन्त्रों का उच्चारण हुआ न सात फेरों के बीच सात जन्मों का साथ निभाने का वादा, न मांग में सिन्दूर था और न गले में मंगलसूत्र। जी हां एक ऐसा ही अनोखा विवाह पृथ्वीपुर के टोडी गांव में हुआ। 

विवाह के सादे आयोजन में साक्षी थी तो सिर्फ संतों की तस्वीरें। दतिया जिले के ग्राम बीकर के निवासी सूरज दास विश्वकर्मा और टोडी गांव की लकी रुचि ने रचाई है अनोखी शादी। शादी में न हिन्दू रीतिरिवाज को अपनाया गया और न ही पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार दूल्हे के सिर पर सेहरा और नाच-गाते बाराती मौजूद थे। 

पंजाब के बाबा रामपाल सिंह के शिष्यों ने उन्ही के रीति रिवाजों से इस विवाह को करवाया। बुन्देलखंड में इस तरह की शादी का यह पहला मामला है। विवाह को देखने के लिए आसपास के गांव के सैकड़ों लोग पहुंचे थे। नवदंपत्ति का कहना था कि खर्चीली शादियों से अलग बिना दहेज के विवाह करने का उद्देश्य लोगों को जागरूकता देना मात्र है। 
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