अगला नम्बर ट्रकों का होना था
बसों के बाद अगला नम्बर ट्रकों का होना था। सरकार अगले चरण में ट्रक की बॉडी बनाने का काम भी वाहन बनाने वाली क म्पनियों को सौंपने जा रही है। बसों के बाद ट्रक की बॉडी भी वाहनों को बनाने वाली कम्पनियां और लायसेंस धारक कंम्पनियां ही बनाएगी। उसी के आधार पर ट्रकों को रजिस्ट्रेशन होने के साथ परमिट जारी किया जाएगा।
हादसों में आने थी कमी
इस समय बस चालकों द्वारा बसों को तेज रफ्तार से परिवहन किया जा रहा है। इस प्रकार के परिवहन से सड़कों के अंधे मोड और बसों में सीटों से ज्यादा यात्री बैठे रहते है। बसों में बर्गेर सुरक्षा के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे है। जिसमें बस चालको सहित यात्रियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। हादसों में कमी लाने के लिए शासन द्वारा बसों में बॉडी कोड लाया गया था। बस बॉडी कोड से बस-ट्रक हादसों में कमी आएगी। लेकिन यहां बसों के बॉडी कोड़ को लेकर उलट है।
इनका कहना
बस मालिको द्वारा की जा रही अनियमित्ताओं के चलते विभाग द्वारा जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। अभियान द्वारा बॉडी कोड के साथ अन्य प्रकार की बसों से सबंधित जांच की जाएगी। कमी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकांश बसों में बॉडी कोड दिए गए है। जहां- बॉडी कोड की समस्याएं है। उन बसों की जांच की जाएगी।
विमलेश गुप्ता आरटीओ टीकमगढ़।