कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर सिंह ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने की बात कहीं। उन्होंने इसमें महिलाओं को विशेष रूप से जोडऩे पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रोजगार होने पर लोग आत्मनिर्भर होंगे और जीवन-स्तर में सुधार होगा।
उन्होंने मनरेगा के साथ ही अन्य विभागों से समन्वय बनाकर इसके लिए कार्य करने की बात कहीं। उन्होंने 31 दिसम्बर तक सभी गोशालाएं पूर्ण करने एवं पूर्व हो चुकी गोशालाओं में पशुधर रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात कहीं।
आदर्श ग्राम पर कार्य करें: वहीं कलेक्टर ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग को निर्देश दिए कि वह योजनाओं में गति लाएं। उन्होंने कहा कि जिले में इस तरह के आदर्श ग्राम पर बनाने पर काम करें, जहां किसानों को उन्नत कृषि के साथ ही पशुपालन, मछली पालन सहित अन्य चीजों का विकास किया जा सके।
उन्होंने नल-जल योजनाओं की समीक्षा करते हुए हर गांव में स्वच्छ पानी की उपलब्धता, नदियों के पुर्नजीवन, आदि पर जोर दिया। वहीं उन्होंने स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों का नियमित रूप से उपचार करने के निर्देश दिए।
बैठक में सीइओ जिला पंचायत, हर्षल पंचोली, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक एसके कुशवाह, ईई पीडब्ल्यूडी एमके बाथम, जिला योजना अधिकारी रामबाबू गुप्ता, उपसंचालक सामाजिक न्याय आरके पस्तोर सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।