इसके साथ ही इस वीडियो में जो बातें रिकार्ड हुई है, उसमें पुलिस को कोई दूसरा आरक्षक इतना तो खाना-पीने में ही चला जाता है, कहता सुनाई दे रहा है। वहीं बाद में पहला आरक्षक, फरियादी से 500 रूपए ही देने की बात कह, उससे रूपए ले लेता है। रूपए देने के बाद फरियादी अपने साथ से कहता है कि पुलिस से जितनी जल्दी निपट ले, उतना ही अच्छा होता है। यदि यह अपने ऊपर 107-16 का कर देंगे तो समस्या हो जाएगी। यह बातें भी वीडियो में रिकार्ड हुई है।
थाना प्रभारी कर रहे इंकार: वहीं इस मामले के बाद थाना प्रभारी धर्मेन्द्र यादव फरियादी से रूपए के लेन-देन की बात से साफ इंकार कर रहे है। उनका कहना है कि यह वीडिया उनके पास आ चुका है और एक वर्ष पुराना है। इसमें रूपए के लेन-देन की नही बल्कि खाने-पीने की चर्चा हो रही है। उनका कहना है कि जिस आरक्षक का यह वीडिया है, वह अभी आर्मी रैली भर्ती में तैनात है।