लगातार बदल रहे मौसम के चलते दो दिन हुई ओलावृष्टि के बाद छाए कोहरे ने किसानों के चहरों पर चिंता की लकीरे खींच दी थी।
टीकमगढ़•Feb 15, 2018 / 12:48 pm•
anil rawat
Anandaar in trouble
टीकमगढ़. लगातार बदल रहे मौसम के चलते दो दिन हुई ओलावृष्टि के बाद छाए कोहरे ने किसानों के चहरों पर चिंता की लकीरे खींच दी थी। बुधवार की सुबह से छाए गहरे कोहरे की चादर जैसे ही छटी वैसे ही किसानों को कुछ राहत दिखाई दी। ओला-बारिश के बाद खेतों में आई नमी से फसलें झुक गई थी और किसानों को मौसम खुलने का इंतजार था।
पिछले दो दिन जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। इस भीषण सूखे के मौसम में पिछले तीन माह से खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे किसानों के हाथ से मौसम की मार से सबकुछ छीन लिया है। वहीं जिन स्थानों पर ओलावृष्टि नही हुई थी वहां पर बारिश से खेत गीले हो गए है और हवाओं से फसलें जमीन पर बिछ गई है। दो दिन खराब रहे मौसम के बाद किसानों को केवल एक ही आस थी कि मौसम साफ हो धूप से खेतों को राहत मिले।
दो दिन से छा रहा कोहरा: ओलावृष्टि के बाद जहां मंगलवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे और वातावरण में धूंध बनी रही वहीं बुधवार की सुबह भी पूरे में कोहरे की गहरी चादर बिछी रही। सुबह से छाए गहरे कोहरे ने किसानों को निराश कर दिया। लेकिन सुबह 9 बजे के लगभग मौसम साफ होने लगा और सूर्यदेवता के दर्शन हुए। तब कहीं जाकर किसानों को राहत मिली। मौसम खराब होने के बाद खेतों में बिछी फसल को अब साफ मौसम और धूप की आवश्यकता है। यदि मौसम में इसी प्रकार कोहरा बना रहा तो किसानों की बची-खुची फसल भी बेकार हो जाएगी। बुधवार को दिन भर खुले रहे मौसम के बाद अब किसानों को लग रहा है कि उनकी फसलें बच पाएंगी।