एमजीआर की मौत के बाद लोगों ने की आत्महत्या
एमजीआर की मौत पर पूरे देश में हाहाकार मच गया था और इसके चलते न जाने कितने लोगों ने अपनी जान दे दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमजीआर की मृत्यु के दो दिन बाद, 30 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। किसी ने हाथ की नस काट ली थी तो किसी ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। यहीं नहीं, कई ने अपनी उंगलियां काट लीं, कुछ ने अपनी जीभ काट ली।
एमजीआर की मौत पर पूरे देश में हाहाकार मच गया था और इसके चलते न जाने कितने लोगों ने अपनी जान दे दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमजीआर की मृत्यु के दो दिन बाद, 30 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। किसी ने हाथ की नस काट ली थी तो किसी ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। यहीं नहीं, कई ने अपनी उंगलियां काट लीं, कुछ ने अपनी जीभ काट ली।
अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ी थी भीड़
एमजीआर के फैन्स उन्हें चमत्कारी मानते थे। उनका मानना था कि यदि एमजीआर किसी बंजर जमीन पर भी खड़े हो जाये तो वह जमीन बंजर से उपजाऊ बन जाती है। इसीलिए कई लोग इन्हें अपनी बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए अपने यहाँ न्योता देते थे। एमजीआर को अंतिम बार देखने और उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उनके घर के बाहर फैंस की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
एमजीआर के फैन्स उन्हें चमत्कारी मानते थे। उनका मानना था कि यदि एमजीआर किसी बंजर जमीन पर भी खड़े हो जाये तो वह जमीन बंजर से उपजाऊ बन जाती है। इसीलिए कई लोग इन्हें अपनी बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए अपने यहाँ न्योता देते थे। एमजीआर को अंतिम बार देखने और उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उनके घर के बाहर फैंस की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने किया लाठीचार्ज और फायरिंग
बताया जाता है कि एमजीआर के 12 लाख से भी ज्यादा फैंस उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे थे। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और फायरिंग भी करनी पड़ी। इसमें घटना में 29 लोगों की मौत हो गई थी। एमजीआर के इस अंतिम संस्कार को आज भी मोस्ट वायलेंट फ्यूनरल ऑफ़ थे सेंचुरी माना जाता है।
बताया जाता है कि एमजीआर के 12 लाख से भी ज्यादा फैंस उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे थे। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और फायरिंग भी करनी पड़ी। इसमें घटना में 29 लोगों की मौत हो गई थी। एमजीआर के इस अंतिम संस्कार को आज भी मोस्ट वायलेंट फ्यूनरल ऑफ़ थे सेंचुरी माना जाता है।
जयलिलता को एमजीआर ने बनाया था अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी
यहीं परिदृश्य जयललिता की मृत्यु के बाद भी देखने को मिला था। एमजीआर जयललिता को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया। एमजीआर के बाद जयललिता ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। जयललिता भी एक बेहतरीन एक्ट्रेस थीं। मनोरंजन की दुनिया में कदम रखने के बाद उन्होंने भी राजनीति में कदम रखा था।
यहीं परिदृश्य जयललिता की मृत्यु के बाद भी देखने को मिला था। एमजीआर जयललिता को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया। एमजीआर के बाद जयललिता ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। जयललिता भी एक बेहतरीन एक्ट्रेस थीं। मनोरंजन की दुनिया में कदम रखने के बाद उन्होंने भी राजनीति में कदम रखा था।
जयलिलता की मौत के बाद फैंस ने की आत्महत्या
जैसे एमजीआर के फैंस उनके दुनिया से जाने के बाद दुखी हुए थे वैसे हीं जयललिता की मौत के बाद भी हुआ। एमजीआर की तरह जयललिता की मृत्यु के बाद भी फैंस के आत्महत्या करने का रिकॉर्ड है। जब जयललिता के मौत की खबर फैली, तो भीड़ ने छाती पीट-पीट कर रोना शुरू कर दिया और कई हिंसक हो गए थे।
जैसे एमजीआर के फैंस उनके दुनिया से जाने के बाद दुखी हुए थे वैसे हीं जयललिता की मौत के बाद भी हुआ। एमजीआर की तरह जयललिता की मृत्यु के बाद भी फैंस के आत्महत्या करने का रिकॉर्ड है। जब जयललिता के मौत की खबर फैली, तो भीड़ ने छाती पीट-पीट कर रोना शुरू कर दिया और कई हिंसक हो गए थे।
फिल्म के सेट पर हुई थी एमजीआर और जयललिता की मुलाकात
जयललिता के साथ एमजीआर के रिश्ते हमेशा सुर्ख़ियों में रहे थे। एमजीआर और जयललिता की पहली मुलाकात एक फिल्म के सेट पर हुई थी। उनकी मौत की खबर सुनते ही जयललिता उनके घर पहुँची थीं। मगर एमजीआर की पत्नी ने दरवाज़ा खोलने से मना कर दिया और शव की जगह बताने से भी मना कर दिया था।
जयललिता के साथ एमजीआर के रिश्ते हमेशा सुर्ख़ियों में रहे थे। एमजीआर और जयललिता की पहली मुलाकात एक फिल्म के सेट पर हुई थी। उनकी मौत की खबर सुनते ही जयललिता उनके घर पहुँची थीं। मगर एमजीआर की पत्नी ने दरवाज़ा खोलने से मना कर दिया और शव की जगह बताने से भी मना कर दिया था।
21 घंटों तक खड़ी रही थीं जयललिता
इसके बाद जयललिता राजाजी हॉल पहुँची जहां एमजीआर के शव को दो दिनों तक रखा जाना था। जयललिता 21 घंटों तक उसी शव के पास खड़ी रही और अपने पल्लू से अपने आंसू पोंछती रही। जब MGR के शव को गाड़ी में रखा गया तो जयललिता भी उसी में चढ़ गई लेकिन लोगों ने उन्हें खींचकर उतर दिया था।
इसके बाद जयललिता राजाजी हॉल पहुँची जहां एमजीआर के शव को दो दिनों तक रखा जाना था। जयललिता 21 घंटों तक उसी शव के पास खड़ी रही और अपने पल्लू से अपने आंसू पोंछती रही। जब MGR के शव को गाड़ी में रखा गया तो जयललिता भी उसी में चढ़ गई लेकिन लोगों ने उन्हें खींचकर उतर दिया था।
फिल्मों के साथ-साथ एमजीआर ने राजनीति में भी कमाया था नाम
एमजीआर ने सौ हिट फिल्में देकर साउथ फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाया था। उन्होंने ही अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) नामक राजनीतिक दल की स्थापना की थी। इस दल का प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कांग्रेस पार्टी के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है।
एमजीआर ने सौ हिट फिल्में देकर साउथ फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाया था। उन्होंने ही अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) नामक राजनीतिक दल की स्थापना की थी। इस दल का प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कांग्रेस पार्टी के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है।
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