वन विभाग की ओर से भले ही वन नाकों में नर्सरी लगाकर काल मेघ, तुलसी, अश्वगंधा, नीम गिलाई जैसे औषधिय पौधों को अकुंरित कर पौध तैयार कर लिए, लेकिन पंचायत प्रशासनों की उदासीनता कहे या अनदेखी बारिश का मानसून सत्र बीतने के करीब पहुंचने के बाद भी अब तक कई पंचायतों में घर-घर औषधि वितरण योजना के तहत पौध वितरण नहीं हो पाया है।
ऐसा ही नजारा राजमहल वन नाके का है, जहां योजना के तहत लगभग उक्त किस्मों के 53 हजार पौध तैयार किए गए थे। वहीं योजना के तहत करीब डेढ़ माह पूर्व से पौध वितरण का कार्य जारी है, जिसमें अब तक करीब 30 हजार पौधे वितरित भी किए जा चुके है।
वहीं वन नाके की करीबी पंचायतों में अभी लोगों को पौध वितरण तक नहीं हो पाया है। वन नाके के करीब राजमहल, देवीखेड़ा, कासीर पंचायतों में पौध वितरण की शुरूआत तक नहीं हो पाई है। जिससे अभी भी 23 हजार पौधे वन नाके में वितरण का इंतजार कर रहे है।
हमारे पास वन नाके से अभी औषधि पौधे लेने जैसी कोई सूचना नहीं है। ना पंचायत समिति से कोई सूचना मिली है।
किशन गोपाल सोयल, सरंपच ग्राम पंचायत राजमहल। विभाग की ओर से सम्बन्धित सभी ग्राम पंचायत प्रशासन व पंचायत समिति को पौधे लेने के लिए सूचना दी जा चुकी है। मांग व नियम के अनुसार सभी ग्राम पंचायतों को पौधे उपलब्ध करवाए जा रहे है। अब तक पौधे लेने से वंचित रही सभी पंचायतों को भी पौधों के लिए सूचना दी जा चुकी है।
हेमेन्द्र सिंह राजावत, वन पाल वन नाका राजमहल।
रोजाना पंचायत समिति के विकास अधिकारी सहित हमारे वन नाके के कार्मिक सम्बन्धित सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव सम्पर्क में है, वहीं बराबर सूचना दे रहे है। अब तक पौधे नहीं लिए तो ये उनकी कमी है।
अशोक कुमार मीणा, क्षेत्रिय वन अधिकारी देवली।