जहां राजीव गांधी सेवा केन्द्र में शिकायतकर्ताओं के सामने जांच की गई, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से पंजिकृत बालक बालिकाओं की संख्या अधिक होने व दाल कम आने पर विभाग के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से पोषाहार वितरण नहीं कर मनमर्जी से वितरण आदि की कमियां पाई गई है।
इसी प्रकार वार्ड संख्या ११ व १२ में स्थित केन्द्र संख्या ५ मेंं योग्य लगभग १५ नये बालक बालिकाओं को पंजिकृत किया गया है। जांच दल में शामिल महिला पर्यवेक्षक संतरा मेघवंशी व सन्तोष राठोड़ ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या पांच की जांच के लिए भेजा गया है।
जिसमें नामांकन अधिक व दाल कम आना पाया गया है। ऐसे में कार्यकर्ताओं की ओर से लाभांवितों को दाल विभाग के नियम से कम देना भी सामने आया है। उल्लेखनीय है कि कस्बे के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कोरोना के दौरान दिए गए पोषाहार में बार-बार अनियमितता की शिकायतें सामने आती रही है, जिसके बारे में ग्रामीणों की ओर से जिला कलक्टर टोंक व उपखण्ड अधिकारी देवली को शिकायत की थी है।
विकास समिति की टीम मिली पीडि़त परिवार से टोंक. जिले में गत दिनों एक गांव में दलित नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर पीडि़त परिवार के साथ मारपीट कबे मामले में सामाजिक न्याय एवं विकास समिति के सचिव गोपाल राम वर्मा के नेतृत्व में टीम ने पीडि़त परिवार से मुलाकात कर हकीकत जानी। टीम ने पाया कि पीडि़त परिवार की नाबालिग लडक़ी के साथ आरोपी पूर्व में भी इसी प्रकार की घटना को अंजाम दे चुका है, जिस पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन वह जमानत पर रिहा हो गया।
पुन: 23 अगस्त को नाबालिग बहिनों के साथ छेड़छाड़ की, जिसका विरोध करने पर पीडि़त परिवार के साथ मारपीट की तथा जाति शब्दों से अपमानित करने की प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। पीडि़त परिवार के पांच जनों का मेडिकल हुए है और आरोपी घर से फरार हैं। टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार कर सम्बन्धित उच्चाधिकारियों व आयोगों को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी।