वहीं मामले में पीपलू थाना प्रभारी कार्रवाई की भनक लगते ही फरार हो गए, जिन्हें एसीबी टीम तलाश रहीं हैं। एसीबी एडिशनल एसपी विजय सिंह ने बताया की थाना प्रभारी के रूप में विजेंदर गिल के पीपलू थाना पर पोस्टिंग होने के बाद से लगातार शिकायतें मिल रही थी कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बनास नदी से बजरी परिवहन का गोरख धंधा पुलिस की मिलीभगत से चल रहा था।
इस कार्य को पुलिस का कांस्टेबल कैलाश जाट जो कि एसएचओ का विश्वासपात्र था, वह संचालित कर रहा था। इस पर एसीबी ने एक टीम गठित करके इस गोरखधंधे का खुलासा करने को लेकर सत्यापन कराया तो बात सही निकली।
एसीबी टीम गुरुवार रात 11 बजे नानेर गांव के चौराहे पर, पहुंची, जहां कांस्टेबल कैलाश जाट बजरी परिवहन की चौथ वसूली की राशि एकत्र करता था। यहां कांस्टेबल बनास नदी से बजरी भरकर गुजरने वाले प्रति ट्रक, डंपर, ट्रेलर पूछताछ में यह रुपए बनास नदी से अवैध रूप से बजरी भरकर लाने वाले वाहनों को पास कराने कराने के पेटे वाहन चालकों से घूस में लेना बताया तथा कार अपने बड़े भाई की बताई।
यह घूस राशि वह थाना प्रभारी पीपलू के मौखिक निर्देश पर रोजाना की तरह नानेर चौराहे पर एकत्र करने पहुंचा है और इसका हिसाब रोजना का रोजाना सुबह थाना प्रभारी को देता हूं। उसने यह बात भी पूछताछ में बताई कि वह प्रति माह 40 लाख रुपए से अधिक रुपए बजरी वाहन पास कराने के पेटे घूस के वसूल कर सीआई को दे रहा हंै। इस घूस की उच्च अधिकारियों से छोटे स्तर के कर्मी तक में थानाप्रभारी बंदरबाट करते है।
इस पर एसीबी टीम फरार हुए एचएचओ को तलाश रही है। वहीं एसीबी टीम गिरफ्तार किए कांस्टेबल कैलाश जाट के पैतृक गांव में दबिश देने सहित इस धंधे में अन्य कर्मियों अधिकारियों की संलिप्तता होने की संभावनाओं के आधार पर जांच कार्रवाई कर रही है।
इस कार्रवाही को एसीबी जयपुर एडिशनल एसपी देशराज, एसीबी कर्मी विजेन्द्र सिंह, हनुमान, जावेद, जूनेद, भरतलाल, मनोज, राजेन्द्र, गणेश सिंह, गुलाम शहीद आदि ने अंजाम दिया।
थानाधिकारी बोले-जल्दी से देकर वापस चले जाना
इस पर एसीबी टीम ने कांस्टेबल कैलाश जाट से उसी समय पीपलू एसएचओ से बात कराई तो कांस्टेबल ने कहा कि साहेब आज अब तक बजरी वाहन पास कराने के पेटे 1 लाख 46 हजार 500 रुपए घूस के एकत्र हुए है बताया औ कहा कि यह रुपए मैं देने आ जाऊं क्या साहब? एसएचओ ने कहा कि मैं क्वार्टर पर हूं जल्दी से देकर वापस चले जाना।
इस पर एसीबी टीम कांस्टेबल कैलाश को लेकर रवाना हुई तो एसएचओ को किसी कथित दलाल ने फोन पर ही इस आश्य की सूचना दे दी। जिसके चलते एसएचओ एसीबी टीम के पहुंचने से पहले ही थाने से फरार हो गया।