इनमें घायल हुए लोग आज भी दुर्घटना का दंश झेल रहे हैं, लेकिन राजमार्ग पर टोल वसूलने वाली कम्पनी का इस ओर ध्यान नहीं है। जबकि वाहन के सामने गाय आने के चलते गत दिनों खुद सांसद सुखबीरसिंह जौनापुरिया भी दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं,
लेकिन इसके बावजूद व्यवस्था सुधार के सम्बन्ध में आवश्यक कदम नहीं उठाए जा रहे है। यह हालात राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले काफी समय से बने हंै। जहां एक-दो नहीं बल्कि दर्जनभर स्थान ऐसे हैं, जहां डिवाइडरों के बीच तथा सडक़ किनारे मवेशियों का दिनभर जमावड़ा लगा रहता है।
इनमें देवली के समीप दौलता मोड़, पनवाड़ मोड़, गोपीपुरा के समीप, सिरोही अण्डरपास व इसके समीप, छाण, भरनी व मेहन्दवास गांव शामिल है। इनमें भरनी व सिरोही अण्डरपास के समीप हालात सर्वाधिक खराब है। यहां समूचे डिवाइडर व सडक़ किनारे दर्जनों आवारा मवेशी बैठे रहते है।
वहीं रात के दौरान भी ये मवेशी डिवाइडर पर बैठे रहते हैं, जो अंधेरे में दिखाई नहीं देने की वजह से भी चालकों के लिए मुसीबत बन रही है। जबकि राजमार्ग होने के चलते तेज रफ्तार वाली बसें व कारें गुजरने का सिलसिला जारी रहता है।
ऐसे में मवेशियों को बचाने के चक्कर में कई मर्तबा सडक़ हादसे हो चुके। इनमें अब तक पांच दर्जन से अधिक लोग काल का ग्रास बन चुके है। वाहन चालकों ने बताया कि सिरोही व भरनी अण्डरपास के समीप तो मवेशियों की रेलमपेल अधिक रहती है।
सांसद के हादसे से भी नहीं लिया सबक
उल्लेखनीय है कि गत 14 जुलाई को सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया भी सडक़ हादसे का शिकार हो चुके हैं। हालांकि हादसे में सांसद बाल-बाल बच गए। सांसद सीआरपीएफ में एएसआई व शहीद मिश्रीलाल मीना की अंतिम यात्रा में शामिल होने राजमहल के रावता माताजी जा रहे थे।
इस दौरान भरनी गांव के समीप उनकी कार के आगे मवेशी आ गया। हादसे में मवेशी की मृत्यु हो गई तथा कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बावजूद प्रशासन व टोल कम्पनी ने हादसे से सबब नहीं लिया। उनकी अनदेखी व लापरवाही वाहन चालकों पर भारी पड़ रही है।
पेट्रोलिंग कम्पनी को कहेंगे
मुझे गायों की राजमार्ग पर बैठने का पता नहीं है। भरनी, सिरोही व अन्य गांव में यह समस्या है, तो पेट्रोलिंग कम्पनी को मैसेज भेजा जाएगा।
डीआर पटेल, मैनेजर, टोंक, सोनवा टोल कम्पनी।