scriptराजकीय सेवा में गुजारी उम्र, अब भटक रहे पेंशन के लिए | Age spent in government service, now wandering for pension | Patrika News
टोंक

राजकीय सेवा में गुजारी उम्र, अब भटक रहे पेंशन के लिए

पेंशन बनी ४४ कर्मचारियों के लिए टेशंनसेवानिवृति के तीन साल भी इंतजारएक की तो मौत भी हो चुकी, तीन करोड़ बकायारोडवेज निगम के हालात

टोंकFeb 10, 2020 / 12:23 pm

Vijay

राजकीय सेवा में गुजारी उम्र, अब भटक रहे पेंशन के लिए

राजकीय सेवा में गुजारी उम्र, अब भटक रहे पेंशन के लिए


टोंक. राजस्थान रोडवेज पथ परिवहन निगम में चल रहे घाटे का खमियाजा सेवानिवृत कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। जून २०१६ के बाद से मार्च २०१८ तक रिटायर हुए ४४ कर्मचारियों को पेंशन तो मिल रही है, लेकिन उन्हें अभी तक रिटायरमेंट की राशि परिलाभ नहीं मिला है। इसमें से एक कर्मचारी की तो रिटायरमेंट के बाद मौत हो चुकी है। कर्मचारी नौकरी के दौरान परिलाभ की राशि के लिए निगम के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें ये राशि नहीं मिल रही है। यह राशि २ करोड़ ९१ लाख ७१ हजार ७३३ है। निगम ने मई २०१६ तक सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को राशि जारी कर दी, लेकिन इसके बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को महज हर महीने पेंशन ही मिल रही है। उन्हें वो राशि नहीं दी गई है जो सेवानिवृति के समय परिलाभ के रूप में दी जाती है। जून २०१६ में चार सेवानिवृत कर्मचारियों की २४,६०१८५, जुलाई २०१६ में तीन की ३५,०३२७९, अगस्त २०१६ में तीन की ३२,१००७९, सितम्बर २०१६ में तीन की ३२,४०३३५, दिसम्बर २०१६ में तीन की २५,१५३७, फरवरी २०१७ में तीन की २४,३६८६२, मार्च २०१७ में दो की १०,५०९७४, मई २०१७ में ५ की ३०,३०१०३, जून २०१७ में दो की २२,५८००८, जुलाई २०१७ में ५ की ३९,२३५५७, अक्टूबर २०१७ में दो की २०,४००३६, मार्च२०१८ में तीन की १२,६६७१२ परिलाभ की राशि अभी बकाया है। निगम ने परिलाभों की ये राशि इन ४४ कर्मचारियों को अभी नहीं दी है। ये ही स्थिति वर्ष २०१९ सेवानिवृत हुए करीब २० कर्मचारियों की भी है। हालांकि उन्हें हर महीने पेंशन मिल रही है।
कंडम बसों के भरोसे मुसाफिर
राजस्थान पथ परिवहन निगम टोंक को भले ही ५ नई बसें मिलने वाली हो, लेकिन अभी भी २४ कंडम बसें ऑन रूट है। इन बसों में यात्री सफर कर रहे हैं। जबकि ये बसें कभी भी सडक़ पर खड़ी हो सकती है। निगम के पास फिलहाल ८० बसें हैं। इनमें से रोडवेज की ६५ तथा अनुबंध पर १५ बसें शामिल हैं। रोडवेज की इन ६५ में से २४ बसें नकारा हो चुकी है। जबकि जरूरत ८६ बसों की है। ऐसे में बसों की कमी होने के चलते इन नकारों बसों को जोड़-तोड़ के सहारे चलाया जा रहा है।
कई राज्यों तक दौड़ती है टोंक की बसें
टोंक आगार की बसें जिले में ८२ शिडयूल प्रति दिन तय करती है। इसके अलावा श्योपुर मध्यप्रदेश, फिरोजाबाद, दिल्ली तथा फरीदाबाद भी प्रतिदिन सफर करती है। वहीं प्रदेश में कोटा, चित्तोडग़ढ़, सवाईमाधोपुर, जयपुर, अजमेर, उदयपुर, अलवर व बूंदी के लिए यात्रियों को यात्रा में सुविधाएं देती है।
प्रक्रिया चल रही है
कर्मचारियों को परिलाभ की राशि देने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही दिलाने का प्रयास करेंगे। वहीं नई बसें आने के बाद कंडम बसें नहीं चलेंगी। डिपो को ५ नईबसें जल्द मिलेंगी।
– रामचरण गोचर, मुख्य प्रबंधक, राजस्थान रोडवेज डिपो टोंक

Home / Tonk / राजकीय सेवा में गुजारी उम्र, अब भटक रहे पेंशन के लिए

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो