न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की एकलपीठ ने नागौर जिले से पुलिस कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए तथा विभागीय जांच के चलते पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज की ओर से 25 फरवरी 2019 को टोंक जिले में पदस्थापित किए जाने के विरुद्ध कांस्टेबल सुभाष की ओर से एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा के जरिए दायर की गई याचिका का निस्तारण करते हुए यह आदेश दिए हैं।
याचिका में बताया कि उसकी नियुक्ति सितंबर 2008 में नागौर जिले में हुई थी। उसके विरुद्ध 16 फरवरी 2019 को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील अधिनियम 1958) के तहत विभागीय जांच की गई। उस जांच का निर्णय याचिकाकर्ता के पक्ष में 31 दिसम्बर 2019 को पारित किया गया, लेकिन विचाराधीन विभागीय जांच के चलते आईजी अजमेर रेंज द्वारा उसका पदस्थापन टोंक जिले में कर दिया गया।
विभागीय जांच में दोष मुक्त किए जाने के 9 माह बाद भी उसका पदस्थापन पुन: नागौर जिले में नही किया। इसको याचिका में चुनौती दी गई थी। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को पुन: नागौर जिले में पदस्थापित किए जाने के लिए सक्षम अधिकारी के पास प्रतिवेदन पेश करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सक्षम अधिकारी को प्रतिवेदन पर दो माह में विधि सम्मत निर्णय पारित करने के आदेश दिए हैं।