जिससे बांध से बनास में की जा रही पानी की निकासी बढ़ाने पर मंदिर की तरफ पानी भरने की आशंका बढ़ गई है। लोगों ने बताया कि 2016 के दौरान बांध से बनास में की गई पानी की निकासी के समय भी उक्त जगह से पत्थरों की दीवार ढह गई थी। बांध परियोजना अभियंताओं की ओर से आनन-फानन में तैयार करवा कर लोहे की जाली लगा दी गई थी, लेकिन लोहे की जाली की मोटाई नहीं बढ़ाने के कारण लोहे की जाली जगह-जगह से टूट गई। गत दिनों बांध से बनास में शुरू की गई पानी की निकासी के दौरान पानी के प्रवाह से धीरे-धीरे पत्थर खिंसकने से गत सप्ताह भी दीवार ढह गई थी।
कलक्टर से की अवैध खनन की शिकायत
टोंक. जिले में बजरी का अवैध थम नहीं रहा है। जबकि जिला कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारी के नेतृत्व में चार विभागों की टीम का गठन भी किया है, लेकिन ये टीम दफ्तर से बाहर नहीं निकल रही है। इसकी शिकायत बजरी के लीज धारक मंगलसिंह सोलंकी के प्रतिनिधियों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर की है।
इसमें बताया कि निवाईके जोधपुरिया, मनोहरपुरा, रम्भा, डांगरथल, अब्बास नगर, चुराडा समेत अन्य गांवों में बजरी का अवैध खनन जारी है। जबकि कोर्टकी ओर से खनन पर रोक लगी हुईहै। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिला कलक्टर ने टीम का गठन कर रखा है, लेकिन ये बंद नहीं हो रही है।
ऐसे में बजरी का अवैध खनन तथा परिवहन जारी है। उन्होंने बताया कि दिनरात 5 से 7 बड़ी एलएनटी बजरी का अवैध खनन कर रही है। लगातार शिकायत के बावजूद उपखण्ड तथा जिला प्रशासन कार्रवाईनहीं कर रहा है। जबकि मुख्य मार्गों पर 100 स 150 ट्रैक्टर-ट्रॉली तथा 60 डम्पर बजरी भरकर गुजरते रहते हैं, लेकिन उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है।