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एक कनिष्ठ लिपिक के भरोसे करोड़ों का कारोबार, पांच मंडियों को सम्भाल रहे है मात्र 9 कर्मचारी

कृषि उपज मण्डी समिति एवं अधीन चार गौण मंडियों में 33 पदों में से मात्र 9 कर्मचारियों से करोड़ों रुपए का मंडी का कारोबार संचालित किया जा रहा है।

टोंकDec 14, 2019 / 05:38 pm

pawan sharma

एक कनिष्ठ लिपिक के भरोसे करोड़ों का कारोबार, पांच मंडियों को सम्भाल रहे है मात्र 9 कर्मचारी

एक कनिष्ठ लिपिक के भरोसे करोड़ों का कारोबार, पांच मंडियों को सम्भाल रहे है मात्र 9 कर्मचारी

मालपुरा. कृषि उपज मण्डी समिति एवं अधीन चार गौण मंडियों में 33 पदों में से मात्र 9 कर्मचारियों से करोड़ों रुपए का मंडी का कारोबार संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से कृषि उपज मंडी समिति को ए श्रेणी घोषित कर दिया, लेकिन आज भी बी श्रेणी की स्वीकृति के स्टाफ के चलते मंडी में मंडी सचिव सहित कुल 33 पद कर्मचारियों के स्वीकृत है, जिनमें से मात्र 9 कर्मचारी ही पांचों मंडियों का कारोबार सम्भाल रहे है, जिनमें मालपुरा कृषि उपज मंडी से सालाना 3 करोड़ 50 लाख रुपए की आय होने के बाद भी मंडी का कार्य एक कनिष्ठ लिपिक के भरोसे संचालित किया जा रहा है।
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मालपुरा कृषि उपज मंडी के अधीन टोडारायसिंह, पचेवर, लावा व लाम्बाहरिङ्क्षसह की गौण मंडिया भी संचालित की जा रही है। कृषि उपज मंडी से सालाना लगभग साढे तीन करोड़ रुपयों की आय मंडी टैक्स से प्राप्ति होने के बाद राज्य सरकार ने मालपुरा मंडी को ए श्रेणी में क्रमोन्नत तो कर दिया, लेकिन आज भी बी श्रेणी के ही स्टाफ के पद स्वीकृत है। उनमें भी 24 पद रिक्त चल रहे है।
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वहीं मंडी परिसर में पल्लेदारों के विश्राम के लिए कृषि विपणन बोर्ड की ओर से 14 लाख रुपए की लागत से लेबर शेड भवन का निर्माण कराया गया, लेकिन कर्मचारियों के अभाव के चलते भवन का आज तक उपयोग नहीं हुआ, जिससे भवन अनुपयोगी साबित हो रहा है। वहीं स्टाफ की कमी के चलते 50 लाख रुपए से खरीदी गई सरसों की लैब की मशीन का भी उपयोग नही हो पा रहा है।

ये है कर्मचारियों के पदों की स्थिति-
कृषि उपज मंडी ए श्रेणी में क्रमोन्नत होने के बाद भी बी श्रेणी के स्टाफ के अनुसार 1 पद मंडी सचिव, 1 पद कनिष्ठ लेखाकार, 2 पद पर्यवेक्षक, 1 पद वरिष्ठ लिपिक, 12 पद कनिष्ठ लिपिक, 6 पदचतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, 6 पद चौकीदार, 3 पद सफाईकर्मी एवं 1 पद बागबान का स्वीकृत है, जिनमें से वर्तमान में मंडी सचिव की नियुक्ति भी प्रतिनियुक्ति पर चल रहा है।
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वहीं 3 पदों पर कनिष्ठ लिपिक है, जिनमें 1 को टोडारायसिंह गौण मंडी में एवं एक को प्रतिनियुक्ति पर उनियारा लगाया हुआ है वहीं तीन सफाई कर्मी है जिनमें से दो मालपुरा व एक टोडारायसिंह गौण मंडी में नियुक्त है साथ ही तीन चौकीदार है जिनमें से दो मालपुरा व एक टोडारायसिंह गौण मंडी में नियुक्त है।
वर्तमान में सम्पूर्ण मंडी का कार्य एक कनिष्ठ लिपिक के भरोसे चल रहा है। प्रतिनियुक्ति पर लगे मंडी सचिव सप्ताह में एक बार आकर ही करोडों के कारोबार को सम्भालते है। ऐसे में कृषि उपज मंडी में कर्मचारियों के अभाव के चलते मंडी की साफ सफाई, चौकीदारी, जल व्यवस्था, कम्प्यूटर व्यवस्था एवं विद्युत व्यवस्था ठेके पर चल रही है।

क्या कहते है कनिष्ठ लिपिक-
कृषि उपज मण्डी समिति में कार्यरत एकमात्र कनिष्ठ लिपिक मुकेश कुमार शर्मा का कहना है कि कर्मचारियों के अभाव के चलते मंडी की व्यवस्थाएं राज्य सरकार के निर्देशानुसार ठेके पर संचालित की जा रही है वहीं कलेवा योजना में जगह का अभाव होने के चलते लेबर शेड के भवन में संचालित किया जा रहा है।

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