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टोंक

कैसे लगे अपराधों पर लगाम, बिजली गुल होते बंद हो जाते है सीसीटीवी कैमरे

कैमरों में यूपीएस तकनीक का उपयोग नहीं किए जाने से बिजली गुल होने पर उपयोगी साबित नहीं होते है।
 

टोंकMay 06, 2019 / 08:30 am

pawan sharma

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कैसे लगे अपराधों पर लगाम, बिजली गुल होते बंद हो जाते है सीसीटीवी कैमरे

विजय जैन

टोंक. शहर में अपराध व अपराधियों पर नजर रखने के लिए अभय कमांड प्रोजेक्ट के तहत लगाए जाने वाले कैमरों की गति ने कछुआ को भी मात दे दी है। एक साल में प्रोजेक्ट के तहत मात्र 40 कैमरे लगाए है। ऐसे में अभी अपराधी पुलिस की नजर से वारदात के बाद आसानी से ओझल हो रहे है।

जानकारी अनुसार प्रोजेक्ट के तहत परिषद क्षेत्र में 400 कैमरे लगाए जाने थे। इसमें पुराना बस स्टैण्ड से घंटाघर, मुख्य बाजार, बड़ा कुआ, डिपो, देवली रोड, सवाई माधोपुर सर्कल से चन्द्र लोक होटल चौराहा, राष्ट्रीय राजमार्ग, बनास नदी से छावनी सर्कल होते हुए घंटाघर, पटेल सर्कल से सेंट सोल्जर स्कूल होते हुए डिपो के अलावा सभी सरकारी कार्यालयों के बाहर कैमरे लगाए जाने प्रस्तावित थे।
इसमें से अभी तक मात्र कलक्ट्रेट में सात व सिविल लाइन रोड पर 27 कैमरे लगाए जाकर चालू किए गए है। इनकी रिकाॢडंग पुलिस अधीक्षक कार्यालय में स्थापित कक्ष में देखी जा सकती है।

हाथ नहीं आया आरोपी
प्रोजेक्ट के तहत अभी तक कलक्ट्रेट के अलावा सिविल लाइन रोड पर कैमरे लगाए गए है। जबकि मुख्य बाजार में कैमरे लगना आवश्यक है।

गत दिनों एक जने के डिक्की में रखे ढाई लाख रुपए पार होने पर पुलिस दुकानों के बाहर लगे कैमरे के फुटेज खंगालती रही। जबकि हाईविजन कैमरे चालू होने पर आरोपी का हुलिया और वाहन का उपयोग करने पर गाड़ी नम्बर भी मिल जाता। और आरोपी पुलिस पकड़ में होता।

बिजली गुल, कैमरा बंद
प्रोजेक्ट के तहत लगाए जाने वाले कैमरों में यूपीएस तकनीक का उपयोग नहीं किए जाने से बिजली गुल होने पर उपयोगी साबित नहीं होते है। जबकि टोंक में विद्युत आपूर्ति का हाल किसी से छुपा हुआ नहीं है।
प्रोजेक्ट के सलाहकार ने बताया कि डीबीआर में तीन दिन की रिकार्डिंग की जा सकती है, लेकिन विद्युत गुल होने पर कैमरा काम करना बंद कर देता है।


फिलहाल कलक्ट्रेट व सिविल रोड पर सेंट सोल्जर स्कूल तक लगे कैमरे ही चालू हुए है। बाकि फाइबर केबल नहीं मिलने के कारण नहीं लग पाए है। प्रोजेक्ट के तहत अभी करीब 360 कैमरे लगने बाकि है।
सुरेश चावला, प्रभारी, साइबर सैल, टोंक

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