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जांच में निकला सब गड़बड़झाला

एसडीओ के निर्देश पर शिक्षा विभाग के दल ने शनिवार को पंचायत के आमली चारणान गांव की राजकीय

टोंकDec 26, 2015 / 10:56 pm

मुकेश शर्मा

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लाम्बाहरिसिंह।एसडीओ के निर्देश पर शिक्षा विभाग के दल ने शनिवार को पंचायत के आमली चारणान गांव की राजकीय प्राथमिक विद्यालय के रिकॉर्ड को खंगाल ग्रामीणों के बयान दर्ज किए। बयानों के आधार पर उन्होंने विद्यालय में शून्य नामांकन की रिपोर्ट तैयार की है। जांच दल ने विद्यालय में नामांकित 6 विद्यार्थियों के बारे में ग्रामीणों से पूछताछ की। इसमें बताया कि नामांकित सभी 6 विद्यार्थी अन्य विद्यालयों में अध्ययन करते हैं। इससे ये भी तय हो गया कि विद्यालय में अब तक पोषाहार पर फर्जी तरीके से राशि खर्च कर दी गई।


अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामकरण वर्मा ने बताया कि इस बारे में ग्रामीण शिवराज जाट, रामलाल, छीतर सिंह, भूरी आदि के बयान कलमबद्ध किए हैं। इसमें ग्रामीणों ने स्कूल में कार्यरत प्रधानाध्यापक अल्लादिया व अध्यापक एजाज पर समय पर नहीं आने का आरोप लगाया। आरोप सुनकर अध्यापकों व ग्रामीणों के बीच कहासुनी भी हुई, लेकिन उन्हें समझाकर शान्त करा दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि स्कूल रिकॉर्ड अपूर्ण पाया गया है। एक भी बच्चा विद्यालय में नहीं आने से शून्य नामांकन रिपोर्ट तैयार कर उचित कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी। साथ ही बताया कि ऐसी स्थिति में विद्यालय को पास के विद्यालय में मर्ज किया जाएगा। इस दौरान सदर्भ व्यक्ति मुन्नालाल जैन, मनोज जैन भी थे।

किसको खिलाया?

बच्चों के स्कूल नहीं आने की बात प्रमाणित होने पर जांच अधिकारी ने अध्यापकों से पूछा कि आपने पोषाहार किसको खिलाया। ये सुनकर प्रधानाध्यापक बगले झांकने लगे। अधिकारी ने बताया कि जुलाई से लेकर अब तक 58 किलो पोषाहार खर्च किया गया है और पोषाहार बनाने वाली पर छह हजार रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से पूछताछ में सामने आया कि कक्षा एक में अध्ययनरत गुड्डी कंवर, शैफाली जाट, कक्षा तीन के रोहित नायक, सपना चौधरी लाम्बाहरिसिंह के निजी विद्यालय में पढऩे जाते हैं। मुकेश जाट मात्र तीन साल का है और वह ननिहाल में रहता है। कक्षा तीन में अध्ययनरत अजय कभी-कभी स्कूल आता है। कक्षा पांच में एक भी नामांकन नहीं है।

सौंपा प्रार्थना पत्र

कार्यरत दोनों अध्यापकों ने जांच अधिकारी को बीईईओ के नाम प्रार्थना पत्र पेश किया। इसमें बताया कि नामांकित तीन विद्यार्थी अनुपस्थित हैं। तीन अनियमित रूप से आते हैं। नामांकन शून्य बता उन्हें शिक्षण व्यवस्थार्थ अन्य विद्यालय में लगाने की उन्होंने गुहार की।

अध्यापक बदलो, नामांकन बढ़ाएंगे


ग्रामीण बिहारी सिंह समेत कई ने जांच दल को दिए बयान में कहा कि इस विद्यालय को बंद नहीं किया जाए। उन्होंने लाम्बाहरिसिंह पढऩे जा रहे कक्षा एक से पांच तक के बच्चों का वापस विद्यालय में दाखिला कराने का आश्वासन भी दिया, लेकिन कार्यरत दोनों अध्यापकों को बदलने की मांग की। उनका कहना था कि अध्यापकों के समय पर नहीं आने से ही उन्होंने मोटी रकम खर्च कर बच्चों को लाम्बाहरिसिंह के निजी विद्यालय में पढऩे भिजवाया है। उल्लेखनीय है कि गत 23 दिसम्बर को एसडीओ ने स्कूल का निरीक्षण किया था। इस दौरान स्कूल में केवल दोनों अध्यापक ही मिले थे, विद्यार्थी नहीं। पोषाहार की जांच में रसोई में धूल जमी मिली थी। ग्रामीणों ने एसडीओ को बताया था कि स्कूल में कोई पढऩे नहीं आता। इसके बाद उन्होंने बीईईओ को जांच के निर्देश दिए थे।
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