शहर के प्राचीन व मध्य स्थित तेलियान तालाब के सौन्दर्यकरण को लेकर नगर परिषद ने कई बार बड़े दावे किए हैं, लेकिन ये दावे अब तक धरातल पर उतरे है। सुभाष चौक के समीप राजकीय उच्च माध्यमिक दरबार विद्यालय के कक्षा-कक्षों के निर्माण से पहले भवन को गिराया गया था। इन से निकला मलबा शहर से बाहर डालने के स्थान पर विद्यालय प्रशासन ने तालाब किनारे अंदर की ओर डाल दिया। इससे तालाब सिकुडऩे के कगार पर है। कुछ दिनों पूर्व आयुक्त सीमा चौधरी ने शिकायत पर निरीक्षण भी किया, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर ठेकेदार को एक तरह से मौन स्वीकृति मिल गई।
शास्त्री नगर स्थित तालाब किसी समय में काफी बड़ा था। आज यह तालाब शहर के गंदे पानी को अपने में समेट रहा है। कई दिनों से तो आलम ये हो गया है कि नगर परिषद के कर्मचारी तथा आस-पास के लोग ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में कचरा तथा मलबा लाकर यहां डाल रहे हैं। इससे ये तालाब भी लगातार सिकुड़ रहा है।
धार्मिक आस्था से जुड़े चतुर्भुज तालाब काफी हद तक अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुका है। यहां भी पुरानी टोंक से निकले वाली गंदगी को डाला जा रहा है। रेडियावास में पहले कचरा डाला गया और अब कॉलोनियां बन गई है। इससे बरसात के पानी के निकास में रुकावट हो गई है। आलम ये हो गया कि जरा सी बरसात में शहर में बाढ़ सी हालत हो गई है।