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टोंक

कलक्ट्रेट के सामने संकरी गलियों व ऊंची इमारतों में संचालित हो रहे है कई कॉचिंग सेंटर

ये कॉचिंग सेंटर बिना नियम कायदों के चल रहे हैं। इनमें ना तो सुरक्षा की व्यवस्था है और ना ही आग पर काबू पाने के लिए इंतजाम है।

टोंकMay 26, 2019 / 11:18 am

pawan sharma

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कलक्ट्रेट के सामने संकरी गलियों व ऊंची इमारतों में संचालित हो रहे है कई कॉचिंग सेंटर

टोंक. गुजरात के सूरत में कॉम्प्लेक्स में संचालित कॉचिंग सेंटर में लगी आग के हादसे में गई 20 जान के बाद भी टोंक जिला प्रशासन लापरवाही बरत रहा है। ऐसे में टोंक जिले में भी कभी बड़ा हादसा हो सकता है।
इसका कारण है कि ये कॉचिंग सेंटर बिना नियम कायदों के चल रहे हैं। इनमें ना तो सुरक्षा की व्यवस्था है और ना ही आग पर काबू पाने के लिए इंतजाम है। वहीं ये छोटे-छोटे कमरों में कहीं दूसरी मंजिल पर तो कहीं तीसरी मंजिल के साथ संकरी गलियों में संचालित हो रहे हैं।
एक-एक कॉचिंग सेंटर में ही सैकड़ों विद्यार्थी कक्षा 10 से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में कभी हादसा हो गया तो इन्हें बचाना मुश्किल होगा।

शहर के हर इलाके में बहुमंजिला इमारतों में कॉचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। खास बात ये है कि कलक्ट्रेट परिसर से महज 50 मीटर की दूरी पर ही आधा दर्जन कॉचिंग सेंटर चल रहे हैं।
कई तो महज 20 फीट दूरी सामने ही है। वहीं इनके बाहर से दिन में कई बार जिला कलक्टर समेत अन्य अधिकारी गुजरते हैं, लेकिन किसी ने भी इनमें नियम-कायदों के बारे में जानकारी लेने की जहमत नहीं उठाई।
ये सेंटर कलक्ट्रेट के सामने, न्यायालय परिसर गेट के सामने, सुभाष बाजार, बड़ा कुआं, नौशेमियां का पुल, कम्पू, सवाईमाधोपुर चौराहा, छावनी समेत शहर के प्रत्येक इलाके में चल रहे हैं।


इन कॉचिंग सेंटर में विद्यार्थियों की आने वाली भीड़ का अंदाजा उनके सडक़ो पर खड़े होने वाले वाहनों से लगाया जा सकता है। वहीं चौंकाने वाली बात ये भी हैकि ये सब आवासीय में संचालित हो रहे हैं।
वर्तमान में भवन आधुनिक व अधिक सुंदरता से बनाए जा रहे हैं। एक मंजिल से अधिक की मंजिल पर फोम व फर्नीचर का अधिक उपयोग कर उसे खूबसूरत बनाया जा रहा है। जबकि फोम व फर्नीचर जल्द आग पकड़ते हैं और जब इनमें आग लगती हैतो विकराल रूप ले लेती है। इनसे बचाव के साधन भी नहीं है।
पालिका को पता न प्रशासन को
टोडारायसिंह. पालिका क्षेत्र में आवासीय भवनों में संचालित कॉचिंग सेन्टर न केवल पालिका की बिना अनुमति के संचालित है। बल्कि हादसा होने के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से कोई व्यवस्था नहीं है।

कस्बे में केकड़ी रोड, पुराना बस स्टैण्ड, बीसलपुर रोड, मुख्य बाजार व जयपुर रोंड के अलावा धाकड़ कॉलोनी समेत अन्य आवासीय कॉलोनियो में प्रशासन की अनदेखी के बीच कॉचिंग सेन्टर व कम्प्यूटर सेन्टर संचालित हो रहे है।
जहां पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की पूर्व तैयारी को लेकर कॉचिंग कक्षाओं में शामिल हो रहे है। उक्त सेन्टर बिना नियत मापदण्डों के संचालित होने के साथ पालिका प्रशासन से भी कोई अनुमति नहीं है।
आवासीय भवनो को व्यवसायिक उपयोग में लिए जाने के बावजूद पालिका प्रशासन की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अनाधिकृत संचालित सेंटरो का पालिका के पास कोई रिकार्ड नहीं है। पालिका प्रशासन की अनदेखी के बीच संचालित सेंटरो से एक ओर राजस्व नुकसान हो रहा है

इनका कहना है,
पालिका क्षेत्र में बिना अनुमति के आवासीय भूमि या भवन का व्यवसायिक उपयोग गलत है। अप्रिय वारदात का सुरत हादसा उदाहरण है। कस्बे में संचालित अनाधिकृत कॉचिंग सेन्टर, कम्प्यूटर सेन्टर या मैरिज गार्डन सभी को चिन्हित करने के साथ नियत मापदण्डों से संचालित सेंटरो के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए नगरपालिका ईओ को लिखा जाएगा।
डॉ. सूरजसिंह नेगी, उपखण्ड अधिकारी टोडारायसिंह।

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