बल्कि जेल अधीक्षक कक्ष में बंदियों को सबके सामने बुलाया गया और बयान लिए गए। ऐसे में बंदी दबाव में आ गए और सही बयान नहीं दे पाए। बंदियों के दिल्ली निवासी अधिवक्ता राजेंद्रसिंह तोमर ने बताया कि जेल के बंदी जितेन्द्र सिंधी उर्फ जीतू ने लेडलाइन फोन से उन्हें बताया कि जांच अधिकारी जेल में आए थे और उन्होंने जेल अधीक्षक कार्यालय में ही बैठ कर उनके सामने ही मेरे जीतू व अन्य चार बन्दियों के ब्यान लिए। अंदर जेल में जा कर अन्य बन्दियों से अलग-अलग कोई पूछताछ या उनके बयान नहीं लिए।
जेल अधीक्षक ने अपने पक्ष के अन्य बन्दियों को अपने कार्यालय में बुला बुला कर बयान दिलवाए। जांच अधिकारी ने सभी बयान बाद में जेल अधीक्षक व जेलर को पढ़वाए भी। जबकि नियमानुसार जांच अधिकारी को एकांत में अलग-अलग जेल बेरकों में जा कर जेल अधीक्षक व जेलर की अनुपस्थिति में बन्दियों के ब्यान दर्ज करने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। ऐसे में उन्होंने शिकायत में जांच से संतुष्ठी जाहिर नहीं की और एक जांच कमेटी बना कर पुन: निष्पक्ष जांच कराने को कहा है।
दो युवक घायल
प्रतापपुरा के निकट बाइक व पिकअप की भिड़ंत में दो युवक घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए जयपुर रेफर किया गया। थाना प्रभारी हीरालाल ने बताया कि रविवार देर शाम प्रतापपुरा मोड़ के निकट बाइक सवार थाना भांकरोटा निवासी जितेंद्र जांगिड़ एवं राहुल शर्मा बाइक से जयपुर की ओर जा रहे थे। इस दौरान सामने से आ रही पिकअप से भिड़ंत हो गई, जिन्हें उपचार के बाद जयपुर रेफर किया गया।