मुंह नाक को ढकना, तभी महामारी से होगा बचना। बच्चा, बुढ़ा या जवान,घरए बाजार या दुकान।
हर समय हर जगह, मास्क को चढ़ाए रखो कान।
दो लहर का मास्क ही, मिटाएगा कोरोना का नामो.-निशान। ले लो सब यह प्रण, घर के बाहर निकले कदम।
मास्क और हेलमेट, दोनों बने हमारे हमदम।
दो गज की दूरी व मास्क, लगाना नही भूलजाना। जिंदगी बचाना है जरूरी, हम है तो जंहा है।
हम नही रहे तो, फिर सुनसान यहां। कवि- हंसराज हंस, निवासी ग्राम पंचायत बनेठा, जिला टोंक।