जो शिक्षा विभाग के नियम विरुद्ध चल रहे हैं। यहां संस्थानों में कक्षा 6 से 12 तक कक्षाएं चलाई जा रही है। उक्त कोचिंग संस्थान स्कूल समय में स्कूलों की भांति शिक्षण करा रहे हैं।
जिनके पास शिक्षा विभाग की मंजूरी है न मान्यता। अधिकतर कोचिंग संस्थान तो नगर पालिका अधीन आवासीय परिसरों में संचालित हो रहे है। जबकि निजी स्कूलों को कई विभागीय औपचारिकता पूरी करनी पड़ रही है।
उन्होंने बताया कि ये कोचिंग संस्थान विभिन्न भ्रामक प्रचार-प्रसार कर अभिभावकों व विद्यार्थियों को भ्रमित कर रहे है। साथ ही मोटी फीस भी वसूल कर रहे है, लेकिन इन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि इन संस्थानों में राष्ट्रीय गान व राष्ट्रीय ध्वज आदि कार्यक्रम भी नहीं होते। ज्ञापन में चेतावनी दी कि, उक्त संस्थानों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो निजी शिक्षण संस्थान आंदोलन करेगा।
ज्ञापन देने में प्रेमचंद शर्मा, के. वी. अब्राहम, अजय मेवाड़ा, महावीर माहुर, लोकेश जैन, कृष्ण गोपाल शर्मा, अहमद नूर, राजबहादूर सिंह, नानूलाल प्रजापत, चेतन प्रकाश सोयल आदि थे।
पॉलीथिन पर नहीं लग रहा प्रतिबंध
टोंक. पॉलीथिन व प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच समेत शहर के लोगों ने बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि सरकार की ओर से पॉलीथिन पर यूं तो प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन सख्ती नहीं होने के चलते इसका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी गाहे-बगाहे कार्रवाईकर नाम मात्र की पॉलीथिन पकड़ते भी हैं, लेकिन मजबूत कार्रवाई नहीं होने से इसका उपयोग दिनचर्यामें शामिल है।
जबकि मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद शुक्ता व प्रदेशाध्यक्ष नीरज चतुर्वेदी इसको लेकर प्रयासरत्त है। इसके मुताबिक पॉलीथिन व प्लास्टिक पर प्रतिबंद लगना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में मंच के जिलाध्यक्ष बृजबिहारी शर्मा, नीलिमा सिंह आमेरा, विनोद बैरवा, अशोक बैरवा, प्रमोद चतुर्वेदी, सुनील, मोहसीन आलम, विनोद शाह आदि शामिल थे।