उद्यान विभाग के अधिकारियों की मानें तो सौर ऊर्जा पंप परियोजना लागू होने से सोलर पंपों के सहारे बारानी क्षेत्रों में भी फसलों की पैदावार होने लगी है। फिलहाल जिले में 565 धरतीपुत्र फसलों की सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा का बखूबी उपयोग कर रहे हैं।
3.50 लाख तक मिलता अनुदान : सौर ऊर्जा परियोजना के मुताबिक अपने खेत में सोलर पंप लगाने के लिए धरतीपुत्र को अधिकतम साढ़े तीन लाख रुपए का अनुदान देय है। बशर्ते उसके खेत में बिजली का कनेक्शन नहीं होना चाहिए।
इस बार लक्ष्य अधूरे, मांगा स्पष्टीकरण
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक विभाग की ओर से वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 400 किसानों को सौर ऊर्जा परियोजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मगर अब तक विभाग ने 248 किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए कार्यादेश जारी किए हैं। ऐसे में इस वर्ष 152 और धरती पुत्रों खेतों में सोलर पंप लगाए जाएंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 15 मार्च 2017 है। लक्ष्य की कम प्रगति को लेकर अतिरिक्त निदेशक उद्यान विभाग ने कम प्रगति को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
15 बीघा में कर सकते सिंचाई
विभाग के मुताबिक खेत में बने कुएं में पानी 175 फीट गहराई तक उपलब्ध हो तो किसान एक सोलर पंप से 15 बीघा खेत में 10-12 फव्वारे लगाकर सिंचाई कर सकते हैं।
यूं बढ़ रहा रुझान
वर्ष सौलर पंप
2013-14 099
2014-15 096
23015-16 122
2016-17 248
कुल 565
इस वर्ष अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के 400 किसानों को सोलर पंप देने का लक्ष्य है। अभी तक 248 के कार्यादेश जारी किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य पूरे करने के लिए प्रयासरत हैं। हरिराम मेघवाल, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग, चूरू