क्षेत्र के हरिपुरा गरोटा, भोजपुरा, चारनेट, बिणजारी, फु लेता, झालरा पहाड़ी क्षेत्र में इन दिनों धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है। खननकर्ता दिन-दहाड़े जेसीबी पहाड़ों की खुदाई कर रहे है। वहीं पत्थर तोडऩे के लिए किए जा रहे विस्फोट की आवाज कस्बे तक आ रही है, लेकिन वन विभाग ने इसकी सूचना पुलिस को देकर कार्रवाई करने में तत्परता नहीं दिखाई।
जबकि वन विभाग के कार्मिक वन क्षेत्र में खनन नहीं होने का दावा करते है। वहीं अवैध खनन स्थलों से पुलिस थाना महज पांच या दस किलोमीटर के दायरे में हैं। उस वन विभाग की चौकियां सटी हुई है।
वन विभाग की चौकियों पर क्षेत्र की देखरेख के लिए कर्मचारी भी नियुक्त कर रखे हैं। तथा इन कर्मचारियों के वेतन पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लोगों का कहना है कि वन विभाग की चौकियों के कर्मचारी व पुलिस की ओर खनन पर रोक नहीं लगाए जाने से अरावली पर्वत श्रृंखला को नुकसान हो रहर है।
कई बार कस्बे में पत्थर से भरी ट्रॉलियों दौडऩे पर वन विभाग के कार्मिकों को शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं की गई। अब जिला वन अधिकारी के समक्ष साक्ष्य के साथ शिकायत की जाएगी।
मैंरी नियुक्ति हुए यहां एक माह हुआ है। क्षेत्र के कई वर्षों से खनन चल रहा है। चुनाव के दौरान इसमें तेजी आई है। पुलिस का साथ लेकर खनन रोकने का प्रयास किया जाएगा।
नवरतन, वनपाल, भोजपुरा नाका।