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दवा के साथ मिलेगा नि:शुल्क उपचार, निजी अस्पताल अधीक्षक ने की घोषणा

टोंक. अलीगढ़ क्षेत्र के आमली मोड़ पर गत दिनों हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसों में घायल आधा दर्जन महिलाओं का एक निजी अस्पताल ने नि:शुल्क उपचार की घोषणा की है।

टोंकJun 19, 2018 / 11:52 am

Kamal Bairwa

 अस्पताल

सवाईमाधोपुर स्थित अस्पताल में चिकित्साकर्मियों के साथ मौजूद घायल।

टोंक. अलीगढ़ क्षेत्र के आमली मोड़ पर गत दिनों हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसों में घायल आधा दर्जन महिलाओं का सवाईमाधोपुर स्थित एक निजी अस्पताल ने नि:शुल्क उपचार व दवा का प्रबन्ध करने की घोषणा की है। सवाईमाधोपुर स्थित गर्ग हॉस्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर अधीक्षक डॉ. सुमित गर्ग ने बताया कि गत दिनों हुए हादसे के बाद जब वह मृतकों को श्रद्धांजलि देने गांव पहुंचे तो मौके पर कई घायल दर्द व मवाद से करहाते दिखे।
इस पर आधा दर्जन मरीजों को चिह्नित कर अस्पताल में उपचार शुरू किया गया। इनमें सुनिता, गायत्री, रुकमणि, आशा, ललिता गुर्जर आदि मरीज शामिल है। डॉ. गर्ग ने बताया कि मरीजों का उपचार ही नहीं दवाइयां भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
इस मौके पर अस्पताल की ओर से हादसे के बाद तुरन्त मौके पर पहुंचकर घायलों की जान बचाने वाले क्रेन चालक धनतुणला लक्ष्मणगढ़ जिला सीकर निवासी मूलचंद चौधरी का भी साफा बंधाकर व माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि आमली से चौथमाता के दर्शनों के लिए जा रहे श्रद्धालु ट्रैक्टर की ट्रॉली पलटने से घायल हो गए थे।
बिना टेलीफोन बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित
उनियारा. जल संसाधन विभाग के सहायक अभियन्ता कार्यालय में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर टेलीफोन का कनेक्शन कटा होने से सूचनाओ से आदान-प्रदान में प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार प्रशासन की ओर से १५ जून से बरसात का मौसम शुरू होगा तथा 30 सितम्बर तक संचालित रहेगा।
ऐसे में प्रति वर्ष की तरह इस बार भी जल संसाधन विभाग के सहायक अभियन्ता कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है, लेकिन कार्यालय में लम्बे समय से टेलीफोन का बिल बकाया होने के कारण संचार सेवा ठप है। ऐसे में बरसात के दिनो में सम्भावित बाढ़ आदि आने की स्थिति में सूचनाओं का आदान-प्रदान कैसे हो पाएगा।
गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग के अधीन कच्चे बांधों की श्रेणी में गलवा बांध सहित कुल 6 बड़े बांध हंै। इनमें जहां गलवा बांध का पूर्ण रूप से सुरक्षित एवं मजबूत है। वहीं कुछ बांध ऐसे हैं, जो काफी पुराने होने के कारण उनकी पाल, मोरी आदि कमजोर स्थिति में है। हालांकि आज के समय में सभी कर्मचारी अधिकारियों के पास मोबाइल होते है, लेकिन आम लोगों को उनके नम्बरों की जानकारी नहीं होती। इससे सूचना देने लेने में परेशानी उठानी पड़ेगी।

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