राज्य सरकार की ओर से मालपुरा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में तथा दूदू, फूलेरा, सांभर व नावां क्षेत्र में मीठे बीसलपुर के पानी की पेयजल की सप्लाई करने के उद्देश्य से 2007 में बीसलपुर-दूदू ग्रामीण पेयजल योजना के तहत केकड़ी रोड पर करोड़ों रुपए व्यय कर पम्प हाउस का निर्माण किया गया तथा पम्प हाउस पर सहायक अभियन्ता व कनिष्ठ अभियन्ता के पद सृजित किए गए थे
लेकिन 2011 में दूदू-फुलेरा पेयजल योजना के शुरु होने के बाद सहायक अभियन्ता कार्यालय को दूदू में स्थानान्तरित कर दिया। मालपुरा पम्प हाउस की व्यवस्थाओं का जिम्मा संवेदकों को दे दिया गया। संवेदकों द्वारा पम्प हाउस में नहीं बैठने से समय के साथ-साथ भवन अनुपयोगी साबित हो रहे है तथा पम्प हाउस में बने शौचालय के सेफ्टी टेंक निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग होने से क्षतिग्रस्त हो रखा है।
वहीं पम्प हाउस पर रोशनी के लिए चारों ओर 45 विद्युत खम्भे लगे हुए है, लेकिन उनमें से मात्र चार खम्भों पर ही लाइटें लगी होने से अंधेरा रहता है। वर्तमान में दूदू, फूलेरा, सांभर व नावा में पेयजल सप्लाई के लिए संवेदक के तीन पम्प ऑपरेटर, दो चौकीदार, 1 बागवान लगाए हुए है तथा मालपुरा ग्रामीण में सप्लाई के लिए मात्र तीन पम्प ऑपरेटर लगे हुए है।
क्लिनिकों पर कट रही जेब
सोनोग्राफी के अभाव में प्रसूताएं होती है परेशान
मालपुरा . सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना के तहत जहां रक्त, ईसीजी व अन्य जांच के लिए तो सरकार की ओर से मशीनें उपलब्ध करवा दी गई है, लेकिन सोनोग्राफी जैसी महत्वपूर्ण मशीन के अभाव के चलते अस्पताल में उपचार करवाने आने वाली प्रसूताओं को मजबूरन निजी सेंटरों पर मनमाने दामों पर सोनोग्राफी करवानी पड़ती है।
राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना के तहत विभिन्न प्रकार की जांच मरीजों के लिए नि:शुल्क की जा रही है, जिसके अन्तर्गत मालपुरा सामुदायिक अस्पताल में आई रक्त की जांच के लिए सीबीसी मशीन से खून की सभी प्रकार की जांचे होने लगी है, वहीं एमीऑटो एनलाइजर मशीन से शूगर, यूरिया, कालेस्ट्रॉल सहित कई जांचे एवं एक्स-रे आदि की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है
लेकिन अस्पताल में प्रसूताओं के लिए सबसे अत्यधिक काम आने वाली सोनोग्राफी मशीन नहीं होने से प्रसूताओं को निजी सेंटरों पर मनमाने दामों पर सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है। अस्पताल प्रभारी डॉ. अमित सक्सैना के अनुसार अस्पताल में प्रतिदिन 36 प्रकार की जांचों के लिए लगभग 125 से 150 तक मरीजों की जांच की जाती है। अस्पताल में निश्चेतन चिकित्सक व नेत्ररोग विशेषज्ञ का पद रिक्त चल रहा है।