टोंक

राजस्थान के इस गांव में हैं सिर्फ हिंदू, लेकिन सभी बच्चे दिलचस्पी से पढ़ते हैं उर्दू, जानिए क्या है इनका लक्ष्य

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा प्रोफेसर फिरोज खान ( firoz khan sanskrit teacher ) का कुछ छात्रों की ओर से विरोध किया गया। जिसके बाद भाषा और धर्म के जुड़ाव पर चर्चाएं ( muslim sanskrit teacher ) तेज हो गईं। इसी बीच एक राहत देने वाली खबर यह है कि राजधानी जयपुर से 100 किलोमीटर दूर टोंक जिले के गांव सीदड़ा में उर्दू भाषा को लेकर पूरे गांव के लोग बहुत ही रोमांचित हैं।

टोंकNov 23, 2019 / 08:11 pm

abdul bari

Hindu village children study Urdu : urdu student in Sidra Village

निवाई/टोंक.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा प्रोफेसर फिरोज खान ( Firoz Khan sanskrit teacher ) का कुछ छात्रों की ओर से विरोध किया गया। जिसके बाद भाषा और धर्म के जुड़ाव पर चर्चाएं ( muslim sanskrit teacher ) तेज हो गईं। इसी बीच एक राहत देने वाली खबर यह है कि राजधानी जयपुर से 100 किलोमीटर दूर टोंक जिले के गांव सीदड़ा में उर्दू भाषा को लेकर पूरे गांव के लोग बहुत ही रोमांचित हैं। खास बात यह है कि पूरे गांव में एक भी मुस्लिम समुदाय का घर नहीं हैं फिर भी हिंदुओं के उर्दू के प्रति लगाव को देखकर हर कोई अचंभित हैं और यहां के निवासियों की प्रशंसा में लगा है।
जानिए क्यों पढ़ रहे हैं ये बच्चे उर्दू ( Urdu studies )


दरअसल, यहां उर्दू भाषा ने गांव के युवाओं को रोजगार दिया है जिसके बाद हर घर का बच्चा उर्दू जुबान पढ़कर इसी भाषा के माध्यम से अपना भविष्य बनाना चाहता है। गांव में हर माता पिता यही चाहते हैं कि उसका बच्चा या बच्ची उर्दू भाषा पढ़कर सरकारी सेवा प्राप्त करें। उर्दू के परवान चढ़े रोमांच से घर घर में गंगाजमुनी तहजीब अपनी बिसात फैला कर युवाओं की आजीविका का मिशन बनी हुई है।
एक दूसरे को गिनाते हैं उर्दू भाषा के फायदे ( urdu student in Sidra Village )

उर्दू भाषा हिन्दुओं के इस गांव में इतनी प्रभावशाली हैं कि ग्रामीण स्त्री पुरूष भी जो कभी स्कूल नहीं गए वो भी चौपाल पर बैठे बैठे एक दूसरे को उर्दू भाषा के अनेकानेक फायदे गिनाते नजर आते हैं।
उर्दू विषय लेकर सरकारी सेवा में जाना चाहते हैं


यहां स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिंदू बच्चे उर्दू पढ़ते हैं। वर्तमान में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में कुल 79 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य बीरबल मीणा ने बताया कि कक्षा 11 में 31 छात्राएं और 11 छात्र तथा कक्षा 12 में 27 छात्राएं व 10 छात्र उर्दू विषय लेकर सरकारी सेवा में जाना चाहते हैं।

उर्दू से एमए बी.एड़ कर व्याख्याता बने और फिर प्रधानाचार्य बने

मीणा ने बताया कि वर्ष 2013-14 शिक्षा सत्र में विद्यालय में उर्दू विषय शुरू हुई था और अब हर कोई विद्यार्थी उर्दू विषय लेकर सरकारी नौकरी पाना चाहता हैं। उन्होंने यह बताया कि इससे कई युवाओं ने उर्दू से एमए बी.एड़ कर व्याख्याता बने और फिर प्रधानाचार्य बने हैं। वरिष्ठ अध्यापक और अध्यापक भी बनकर अपना लक्ष्य प्राप्त किया हैं।
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