मार्च में एक पिकअप चारा करीब 1200 रुपए में उपलब्ध हो जाती थी, जो अब 1900 रुपए की पड़ रही है। वहीं पूर्व में सब्जी मंडी में बचने वाली सब्जियां डेढ़-दो रुपए किलो में खरीद कर खिलाई जाती थी, लेकिन सब्जियों केे भाव बढऩे से वह भी बंद कर दी गई है।
एक गाय पर 80 रुपए तक खर्चा
एक गाय के आहार पर एक दिन का करीब 70-80 रुपए का खर्चा हो रहा है, जो मार्च में 40-50 रुपए एवं अप्रेल में 60 रुपए था। वहीं बढ़ते भावों के चलते जून तक 100 रुपए तक होने के आसार है। गेहूं, बाट, खल एवं हरे चाने के भाव प्रतिदिन बढ़ रहे है।
गांधी गोशाला समिति के कोषाध्यक्ष बालकिशन सोनी ने बताया कि महंगाई के समय में गोशाला का संचालन भामाशाहों पर निर्भर हो गया है। काफी दिनों से अनुदान की फाइल भुगतान के लिए अटकी हुई है।चार बार रिमार्क की पूर्ति की जा चुकी है। हर बार नया कारण बताया जा रहा है। जिले की गोशालाओं की कमोबेश यहीं स्थिति है।
जिला कोष कार्यालय से प्राप्त हो गई है, जिसे स्वीकृत कर अनुदान जारी करने के लिए उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। शीघ्र राशि जारी हो जाएगी।
डॉ. ओम प्रकाश कोली, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, टोंक