भजन संध्या की शुरुआत हरियाणा के सतपाल सिंह ने ‘दादा आओं ना आओं ना दादा, हमने अपना नियम निभाया मालपुरा आने का दादा तेरा क्या फर्ज नही भक्तों के घर आने का भजन प्रस्तुत कर सभी श्रोताओं को थिरकने को मजबूर कर दिया।
कोलकाता के विजय सोनी ने शंख बजे शहनाई रे मैया ओ वरदायिनी, आ लौटकर आजा मेरे दादा तुजे तेरे दास बुलाते है, तन मन से करते है हम तेरा गुणगान, मेरे सिर पर रख दो दादा अपने ये दोनों हाथ, प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
बालोतरा के वैभव बाघमार ने मेरे मन में पाŸवनाथ, भजन करले मस्त जवानी में बुढापा किसने देखा है, दादागुरु के मंदिर में ढोल चंग बाजे, दादा ने दरबार लगाया है आजा नचले, पर श्रोता सुबह तक भक्ति में जमे रहे।
कार्यक्रम में श्री जैन श्वेताम्बर खतरगच्छ संघ की ओर से मेला लाभार्थी राजेन्द्र कुमार भंंसाली जोधपुर के परिवारजनों का तथा बैंगलुरु के मदनराज, पदमराज, पवनराज, सज्जनराज मेहता परिवार ने राजेन्द्र भंसाली, राजेश रितेश, ऋषि भंसाली परिवार का बहुमान किया।
गुरूवार सुबह दादाबाड़ी में शशीप्रभा श्रीजी व जयप्रभा श्रीजी के पावन निश्रा में भक्तामर पाठ, गुरु इकतीसा, पक्षाल पूजन, स्नात्तर पूजा तथा गुरुदेव की बड़ी पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जोधपुर, मुम्बई, कलकत्ता, बैंगलुरु, जयपुर, केकड़ी, अजमेर, अहमदाबाद, नागौर, ब्यावर सहित कई जगहो के श्रद्वालुओं ने भाग लिया।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष प्रकाश चन्द लोढा, संघ मंत्री ज्योति कुमार कोठारी, मोहन लाल डागा, महेश महमवाल,अनिल श्रीमाल सहित कई श्रद्धालु मौजूूद रहे।