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टोंक

भगवान शांतिनाथ का कलशाभिषेक

जैन धर्म में त्याग की बड़ी महत्ता है। त्याग इंसान को भी भगवान बना देता है। संयम तप धारण करने के बाद ही मानव त्याग कर सकता है।

टोंकSep 22, 2018 / 01:57 pm

MOHAN LAL KUMAWAT

Shantadhara

आवां सुदर्शनोदय तीर्थ में मुनि सुधासागर से गन्दोधक लेने को उमड़े साधक

टोंक. जिले के जैन धर्मावलंबियों ने पर्यूषण पर्व का आठवां दिन शुक्रवार को उत्तम त्याग धर्म के रूप में मनाया। इस अवसर पर शांतिनाथ मंदिर पुरानी टोंक में भगवान शांतिनाथ, मुनीसुव्रतनाथ, आदिनाथ एवं सुपाŸवनाथ का एवं शांतिधारा की गई।
समाज के प्रवक्ता राजेश अरिहंत ने बताया की श्रावकों की ओर से उत्तम त्याग धर्म की पूजा कर श्रीजी को 31 अघ्र्य एवं श्री फल चढ़ाए गए। मंदिर में सतीश, विमल, चेतन, कालू, निर्मल, जिनेंद्र, राजकुमार, संतोष, प्रतिभा, बीना, प्रीति, पायल आदि मौजूद थे। साथ ही रत्नत्रय के उपवास की धारणा की गई। इसके तहत उपवास रखने वाले श्रावक तीन दिनों तक सभी प्रकार के आहार का त्याग रखेंगे।

शास्त्र सभा में बताया कि जैन धर्म में त्याग की बड़ी महत्ता है। त्याग इंसान को भी भगवान बना देता है। संयम तप धारण करने के बाद ही मानव त्याग कर सकता है। मानव रसना इंद्रिय पर काबू कर ले तो सभी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर सकता है।

शाम को शांतिनाथ मंदिर में भगवान शांतिनाथ का वार्षिक कलशाभिषेक किया गया। इसमें क्षीर सागर से जल लाकर भगवान शांतिनाथ का महामस्तकाभिषेक किया गया। श्रीजी के चरणों में रखी माला को श्रावक श्रेष्ठि को पहनाकर श्रीजी की आरती की गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी मधु लुहाडिया ने बताया कि गुरुवार रात को आयोजित भक्ति नृत्य प्रतियोगिता के बाल ग्रुप में प्रथम खुशी, द्वितीय अर्चिता एवं पंछी, तृतीय स्थान पर अर्पित जैन रहे। महिला गु्रप में प्रथम पूनम, द्वितीय ईशा व तृतीय स्थान पर शेफाली जैन रहे।

सुदर्शनोदय में बह रही धर्म की सरिता
आवां. मुनि सुधासागर, मुनि महासागर, मुनि निष्कंप सागर, क्षुल्लक धैर्य सागर व क्षुल्लक गम्भीर सागर के सान्निध्य में सुदर्शनोदय तीर्थ में हजारों शिविरार्थियों सहित मौजूद सभी श्रद्धालुओं को अच्छे आचरण को धारण करने की सीख मिल रही है।
शुक्रवार को मुनि के पवित्र हाथों से गन्दोधक लेने को सैलाब उमड़ पड़ा। श्रावक संस्कार शिविर के संयोजक दिनेश जैन,चांदमल जैन और कमल कुमार गोयल ने बताया कि मुनि संघ के उपदेश और शास्त्रों के मंत्र से क्षेत्र पर धर्म की सरिता बह रही है। शिविर के अष्टम दिवस को उत्तम त्याग के संस्कार दिए गए। अब उत्तम आकिंचन व उत्तम ब्रह्मचर्य का प्रशिक्षण दिया जाना है।

जिन दर्शन यात्रा की तैयारी शुरू
सकल दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति आवां के संयोजक संजय छाबड़ा ने बताया कि 24 सितम्बर को शिविर के समापन पर जिन दर्शन शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके लिए समिति की बैठक लेकर जिम्मेदारियां सौंपी गई है।

दीक्षा दिवस पर उमड़ेगा सैलाब
तीर्थ क्षेत्र पर 28 सितम्बर को मुनि पुं्रगव सुधासागर का 38 वां मुनि दीक्षा दिवस समारोहपूर्वक मनाया जा रहा है। समिति के पदाधिकारियों का कहना है इसमे देश-भर से हजारों श्रद्धालु उमडं़ेगे।

त्याग जीवन का सौन्दर्य-मुनि सुधासागर
मुनि सुधासागर ने शुक्रवार को तीर्थ पर उत्तम त्याग के संस्कार दिए। मुनि ने त्याग का महातम्य समझाते हुए जीवन की गन्दगी दूर करने के उपाय भी बताए। मुनि ने कहा कि सम्यक दर्शन व ज्ञान धर्म की नींव एवं आधारशिला है तो उत्तम त्याग इस पर बनने वाली इमारत ।
त्याग के बिना मानव जीवन रूखा और अधूरा है। मुनि ने प्रवचन दिए कि सम्यक दर्शन रूपी प्लाट पर उत्तम त्याग रूपी दीवारें उठाने पर बाहर की गन्दगी नहीं आती। मुनि ने कहा कि खाकर पुण्य करो और पुण्यात्मा को खिलाओ। इसी तरह धन से पाप मत कमाओ तथा पापी को धन मत दो। इस अवसर पर मुनि ने कभी इस प्रकार का गलत कार्य मत करो कि माता-पिता और परिवार के मान-सम्मान पर आघात लगे।
देवली. पर्युषण पर्व के तहत शुक्रवार को पटेल नगर स्थित पार्शवनाथ जैन मन्दिर में उत्तम तप धर्म महापर्व मनाया गया। इसमें महिलाओं व बच्चों ने बढ़-चढकऱ हिस्सा लिया। मन्दिर समिति मंत्री कुन्दनमल जैन ने बताया कि भगवान के अभिषेक के लिए महिलाओं ने चांदी के कलश, छत्र, नारियल आदि सामग्री भेंट किए।
शांतिधारा के लिए छुड़ाई गई बोली के बाद बच्चों ने भगवान का अभिषेक किया। यहां संजय शास्त्री व कन्हैयालाल डोसी के सान्निध्य में 101 कलश व रिद्धी मंत्रों के साथ भगवान का अभिषेक किया गया। इस दौरान अभिषेक व शांतिधारा में महिलाओं वे बच्चों ने रुचि दिखाई। यहां मन्दिर समिति अध्यक्ष चांदमल जैन आदि उपस्थित थे।
अभिषेक व शांतिधारा हुई
टोंक. नगरफोर्ट कस्बे में मंदिर श्रीसावला महाराज में पर्युषण धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिर में प्रात: अभिषेक, शांतिधारा, पूजन व शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जा रहे है। इसी क्रम में सुगंध दशमी को आरती सजाओ प्रतियोगिता के अन्तर्गत सभी घरों से आरती सजाकर सामूहिक आरती की गई। निर्णायकों द्वारा विजेता प्रतिभागियों को पारितोषिक दिया गया। यह जानकारी कार्यक्रम संयोजक राजेन्द्र सोनी ने दी।

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