बंथली. बिच्छू का स्वभाव डंक मारना होता है, लेकिन वैद्य का कर्म जहर निकाल उपचार करना होता है। उसी प्रकार अज्ञानी व्यक्ति बार-बार गलत राह व संगत में चल परिणाम की परवाह किए बगेर गलत कार्यो को अंजाम देता है। इस समय ज्ञानी व्यक्ति का कार्य उसे गलत कार्यो से विमुक्त कर सही राह दिखाना है। मुनि पुंगव सुधासागर ने शुक्रवार को दिगम्बर जैन मंदिर दूनी स्थित धर्मशाला में प्रवचन करते हुए श्रद्धालुओं से यह बात कही। उन्होंने कहा कि मन में सभी के प्रति मदद की भावना हो। दूसरों के दुख:-दर्द को अपना समझकर उनकी मदद करें। भगवान उसी को अपना मानता है। इससे पहले मुनि सुधासागर ने पुराने बंथली मार्ग स्थित नवनिर्मित सुधासागर वाटिका पहुंचे ओर भवन का निरीक्षण कर दिगम्बर समाज अध्यक्ष चेतनप्रकाश अजमेरा, मंत्री पवनकुमार जैन, कोषाध्यक्ष कमलेश कोठारी, राकेश बडज़ात्या, भाजपा जिला उपाध्यक्ष भंवरलाल जाट, पदम अजमेरा, भंवरलाल बडज़ात्या, भागचन्द छाबड़ा, श्रवण कोठारी के साथ पौधारोपण कर उनको सुरक्षा की जिम्मेदारी दी। इस दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने मुनि से दूनी में महिला महाविद्यालय खोले जाने को लेकर चर्चा की। इस पर मुनि ने इसे कस्बे की जरूरतर बता चर्चा का विषय बताया। इसके बाद मुनि ने आवां में होने वाले चातुर्मास में दूर-दराज सें आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम को लेकर कस्बे की दूणजा माता धर्मशाला, रामद्वारा, बस स्टैण्ड स्थित अस्पताल धर्मशाला सहित अन्यों का निरीक्षण कर मनीष जैन, सुशील बज, प्रकाशचन्द जैन, मनोज लुहाडिय़ा से जानकारी ली।
प्रवचन के बाद मुनि सुधासागर ससंघ के आहार पर जाते समय इन्द्रदेव ने भी रिमझिम बरसात की तो कस्बा श्रद्धालुओं की ओर से बोले नमोस्तु गुरुदेव व मुनि सुधासागर की जय के जयकारों से गूंज उठा। मुनि सुधासागर को ज्ञानचन्द बज व मुनि महासागर, मुनि निष्कंप सागर, क्षुल्लक धेर्य सागर व गंभीर सागर को पदम अजमेरा, भागचन्द अजमेरा, नीरज छाबड़ा ने आहार कराया।