उन्होने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पांच प्रमुख मोहन भागवत, भैया जी जोशी, दत्तात्रेय गोडबोले, राममाधव तथा एम.पी. वैद्य द्वारा आरक्षण के मामल में जो समिक्षा की आवश्यकता जताई है उससे करणी सेना सहमत है ओर यह होना चाहिए।
उन्होने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि अयोध्या में श्री राम का मंदिर महल के रूप में बनाया जाना चाहिए। क्योकि भगवान श्री राम के माता पिता इतने गरीब नही थे कि उनका जन्म किसी मंदिर में हुआ हो।
करणी सेना श्री राम के मंदिर को महल के रूप में बनाने की पक्षधर है। ऐसे तो भगवान श्री कृष्ण का जन्म जेल में हुआ तो क्या जेले थोडे ही बनवाई जाऐगी। करणी सैना आगामी विधानसभा चुनावो में उसी का साथ देगी जो करणी सेना के सिद्धान्तो का समर्थक होगा।
उन्होने कहा कि यह गैर राजनैतिक संगठन है इसके नाम पर चुनाव नही लडा जा सकता ओर ना वे खुद चुनाव लडेगें। उन्होने कहा कि आगामी 23 सितम्बर को चित्तोडगढ में रानी पदमावत एवं उनके साथ अन्य राजपूत रानीयों द्वारा किए गए जोहर स्थल पर करणी सैना के 12 वें स्थापना दिवस मनाया जाऐगा।
इस अवसर पर वहां देश का पहला सबसे बडा क्षत्रिय सम्मेलन आयोजित किया जाऐगा। इसमें तीन प्रमुख मुद्दो आरक्षण, राम मंदिर तथा पदमावत फिल्म के मामले में अब तक किए गए प्रयासो की विस्तार से समिक्षा की जाऐगी।
उन्होने यह भी कहा कि इस सम्मेलन में आरएसएस के उक्त पांचो प्रमुख लोगो को भी आमंत्रित किया जाऐगा। इस अवसर पर राजपूत समाज के तहसील अध्यक्ष शिवनन्दन सिंह नरूका, जयेन्द्र सिंह शक्तावत, लोकेन्द्र सिंह नरूका, अभय सिंह शक्तावत, उम्मेद सिंह शक्तावत, अंग्रेज सिंह , ब्रजराज सिंह, महेन्द्र सिंह, सहित राजपूत समाज के कई लोग मौजूद थे।