त्योहार पर मात्र दो घंटे की समयावधि मिलने पर लोगों को खरीदारी सहित अन्य कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं शहर में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से 31 अगस्त तक सम्पूर्ण उपखण्ड क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
इधर, रात साढ़े 9 बजे को अजमेर के अतिरिक्त सम्भागीय आयुक्त के. के. शर्मा ने बताया कि रविवार को दी गई ढील के चलते शांति रही है। ऐसे में सोमवार सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक कफ्र्यू में ढील दी जाएगी। इधर, अजमेर सम्भागीय आयुक्त लक्ष्मीनाराण मीणा तथा पुलिस महानिरीक्षक बिजू जार्ज जोसफ ने पुलिस के साथ शहर में फ्लेग मार्च निकाला।
दुकान में आग लगी
गणवर गांव में एक पंक्चर की दुकान में रविवार सुबह अचानक आग लगने से गांव में माहौल गर्मा गया। सूचना पर पुलिस व अग्निशमन दल मय दमकल के मौके पर पहुंचा, लेकिन ग्रामीणों ने पूर्व में ही आग पर काबू पा लिया। इसके चलते किसी प्रकार का विशेष नुकसान नहीं हुआ।.
कतार में लगकर ली रसद सामग्री
टोडारायसिंह. मालपुरा में कर्फ्यू में ढील के दौरान कस्बेवासियों ने दुकानो पर कतारे लगकर रसद सामग्री व राखी मिठाइयों की खरीदारी की। पर्याप्त दुकानें नहीं खुलने से लोगों ने कतारों में खड़े होकर रसद सामग्री की खरीदारी की।
सायरन बजते ही लोग फिर से घरों में कैद
एक बजे सायरन बजने के साथ ही शहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई तथा बाजारों में सन्नाटा पसरने लगा तथा लोग भी दौड़ते-दौड़ते अपने घरों की ओर लौटने लगे। बाजारों में सन्नाटे के साथ ही लोग दोबारा से अपने घरों में कैद हो गए। कफ्र्यू के चलते कई बहनें भाइयों को राखी नहीं बांध पाई।
कफ्र्यू में दो घंटे की ढील के बाद भी डिग्गी मोड़ व टोल नाके पर पुलिस ने निजी वाहनों वाहनों को रोक दिया। इससे कई बहनें अपने भाइयों तक तथा कई भाई अपनी बहनों के पास नहीं पहुंच पाए। इससे उनकी यह राखी सूनी रही।
कफ्र्यू में ढील मिलने के बाद अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट संजय जैन दोपहर सवा 12 बजे जयपुर से अपने घर आने के लिए व्यास सर्कल पर आ गए थे। उनका मकान व्यास सर्किल से मात्र तीन मकानों के बाद ही है, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनको व्यास सर्कल पर ही रोक दिया तथा उनके वाहन को अन्दर नहीं जाने दिया।
बैंरंग लौट गए मरीज
कर्फ्यू में ढील के समय सुभाष सर्किल स्थित एक निजी महिला चिकित्सालय में इलाज कराने आई महिलाओं को चिकित्सक नहीं मिलने से बैरंग लौटना पड़ा। चिकित्सकों ने बताया कि दो घंटे की कम समयावधि व स्टाफ के पास नहीं होने व इंटरनेट सेवाएं बंद रहने से सोनाग्राफी मशीनें सहित सभी रिकॉर्ड संधारण का कार्य ठप पड़ा हुआ है।