टोंक में मेडिकल कॉलेज में अगले साल प्रथम बैच शुरू किए जाने की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 275 बेड के राजकीय सआदत अस्पताल टोंक को प्रथम बैच के अनुसार 300 बेड का किए जाने की दिशा में भी प्रयास शुरू किए गए है। मेडिकल कॉलेज के लिए 430 बेड का अस्पताल होना अनिवार्य है, जिसके लिए चिकित्सा व जिला प्रशासन टोंक ने अभी से सआदत अस्पताल में 500 बेड के लिए प्रयास शुरू कर दि है, जिसके लिए सआदत अस्पताल के समीप ही सार्वजनिक निर्माण विभाग की करीब 3 बीघा व मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र के नजदीक ही सार्वजनिक निर्माण विभाग की 4 बीघा भूमि को अधिग्रहण किया जा सकता है। इस कार्य के लिये जल्दी ही समिति का गठन किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज के निर्माण की निविदा प्रक्रिया इसी महीने पूरी कर ली जाएगी, जिसको लेकर जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल एवं विभागीय साइट इंजीनियर मयंक ढींगरा, पीएमओ डॉ, खेमराज बंशीवाल, एसडीएम नित्या के सहित सम्बंधित अन्य विभाग के अधिकारियों की दो दिन पहले बैठक भी सम्पन्न हो चुकी है। राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में राज्य के पांच जिलों टोंक सहित हनुमानगढ़, दौसा, सवाईमाधोपुर तथा झुंझुंनू में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी थी।
टोंक में मेडिकल कॉलेज बनने के बाद सआदत अस्पताल व उसकी यूनिट मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र से इलाज के लिए जयपुर होने वाले रेफर केस की संख्या में कमी आएगी, साथ ही टोंक में ही जयपुर की तरह बेहतर इलाज हो सकेगा। वर्तमान में टोंक सआदत अस्पताल सिर्फ 275 बेड का है, जिसमें जिले ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों की सीमा से सटे ग्रामीण इलाकों के मरीज इलाज के लिए आते है।
सआदत अस्पताल टोंक की ओपीडी रोजाना करीबन1350 तथा इन्डोर दो सौ के करीबन रहता है। इतना ही नहीं वर्तमान में रोजाना 8 से 10 रोगी जयपुर रैफर किए जाते है। माह में जयपुर रैफर का आंकड़ा लगभग ढाई सौ से तीन सौ का होता है। टोंक में मेडिकल कॉलेज बनने के बाद टोंक में ही चिकित्सा की अच्छी सुविधा मिल सकेगी, जिससे जयपुर रैफर पर अंकुश लग सकेगा।
प्रशासनिक तैयारियां की जा रही है। सार्वजनिक निर्माण विभाग को दोनों भूमि के लिए एनओसी के लिए लिखा गया है। आगामी महिनों ने शिलान्यास होने की संभावना है।
चिन्मयी गोपाल, जिला कलक्टर, टोंक