जानकारी अनुसार 4 अप्रेल से शुरू हुई खरीद में 10 मई तक 43 हजार 66 कट्टे(प्रति 50 किलो) की खरीद की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर सरसों में एक कट्टे पर 51 किलो 200 ग्राम लिया जा रहा है।
इसमें राजफैड का मानना है कि बारदाने के का स्टैण्डर्ड वजन 989 ग्राम व छीजत मिला कर 51 किलो 200 ग्राम प्रति कट्टे पर ली जा रही है। तथा कट्टों को पैक कर वेयर हाउस भेजा जा रहा है।
राजफेड की ओर से किसानों को 4200 रुपए प्रति क्विंटल रूप में 18 अप्रेल तक ऑन लाइन भुगतान भी किया जा चुका है।
ऐसे लग रही चपत
राजफैड की ओर से प्रति कट्टा बारदाना के रूप में किसानों से 989 ग्राम सरसों अधिक ली जा रही है। जबकि कट्टों को तौलने पर उनका वजन 840 ग्राम से अधिकतम 900 तक पाया गया है।
वहीं मॉश्चर मीटर से सरसों में आठ प्रतिशत नमी मान लेने पर प्रति कट्टा करीब 300 ग्राम सरसों अधिक ली जा रही है। ऐसे में प्रति क्ंिवटल सरसों के बेचान करने पर 600 ग्राम सरसों से अधिक ली जा रही है।
ऐसे में अब तक हुई खरीद में किसानों से 35 क्विंटल से अधिक सरसों किसानों से बारदाने व छीजत के नाम ली जा चुकी है, जिसका समर्थन मूल्य करीब डेढ़ लाख रुपए है। पर इस संबंध में समर्थन मूल्य खरीद अधिकारी से पूछने पर कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिल पाया है।
51 किलो 200 सरसों प्रति कट्टा लिए जाने की जानकारी नहीं है। किसानों से 51 किलो 100 ग्राम सरसों ली जा रही है, जिसमें बारदाने का स्टैण्डर्ड वजन भी शामिल भी है। कट्टों मेंं नमी सूखने पर वजन कम हो जाता है।
वेयर हाउस में जाने पर वजन कम होने पर समिति को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके चलते 100 ग्राम सरसों से नमी व छीजत की वजह से ली जा रही है।
शीतल तर्क, मैनेजर, शीतल तर्क, क्रय-विक्रय सहकारी समिति, टोंक