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सबसे अधिक दुर्घटना पाइंट वाले राजमार्ग पर स्थित पुलिस चौकी के नए भवन को 6 साल से उद्घाटन का इंतजार

राज्य में आए दिन होने वाली हत्याएं व लूट के बाद राजमार्ग पर नाकाबंदी तो करवा दी जाती है, मगर पुलिसकर्मियों के पास हथियार नहीं होने से उन्हें डंडों के सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है।
 

टोंकSep 05, 2018 / 03:42 pm

pawan sharma

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बंथली क्षेत्र के सरोली मोड़ पर नवनिर्मित पुलिस चौकी।

बंथली. जयपुर-कोटा राष्टीय राजमार्ग स्थित घाड़ थाना क्षेत्र की सरोली पुलिस चौकी के अधिकारी व पुलिसकर्मियों को वाहन, हथियार, नफरी सहित अन्य संसाधनों के अभाव में कई किलोमीटर के राजमार्ग एवं चार पंचायतों के एक दर्जन से गावों की सुरक्षा का जिम्मा लिए हुए है।

इससे राजमार्ग पर आए दिन होनी वाली दुर्घटनाओं सहित अन्य घटनाओं में होने वाले घायलों, आने वाले फरियादियों एवं आमजन को राहत नहीं मिल पा रही है। वही कई सालों से बनकर तैयार नवनिर्मित चौकी भवन का उद्घाटन नहीं होने से पुलिसकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है देवली से टोंक 62 किलोमीटर के राजमार्ग के बीच तीन पुलिस चौकियां हंै, लेकिन सरोली पुलिस चौकी, क्षेत्र में सबसे अधिक दुर्घटना पाइंट होने द्रुतगामी बसों का ठहराव होने से अति महत्वपूर्ण है।
पुलिस चौकी में सात माह से वाहन सुविधा नहीं होने से क्षेत्र में दुर्घटनाएं घटित होने पर पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर जाने के लिए राजमार्ग पर खड़े रहकर वाहनों को रोकना पड़ता है। जबकि पुलिस चौकी पर बाइक के साथ-साथ चौपहिया वाहन की भी आवश्कता है।

राज्य में आए दिन होने वाली हत्याएं व लूट के बाद राजमार्ग पर नाकाबंदी तो करवा दी जाती है, मगर पुलिसकर्मियों के पास हथियार नहीं होने से उन्हें डंडों के सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। इससे भी अधिक समस्या उन्हें स्टाफ की कमी को लेकर उठानी पड़ रही है।
वर्तमान में चौकी पर एक हैडकांस्टेबल व आठ पुलिसकर्मियों के पद स्वीकृत है, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते चौकी पर मात्र एक हैडकांस्टेबल चार पुलिसकर्मी ही कार्यरत हंै। इससे आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं सहित नाकाबंदी को लेकर उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। कई बार तो स्टाफ के अभाव में पुलिसकर्मियों को चौकी पर ताला लगाकर कार्य के लिए जाना पड़ता है।

पुलिस चौकी में हवालात भी नहीं
पुरानी चौकी में दो ही कमरें होने के कारण पुलिसकर्मियों को एक कार्यालय व दूसरा बैरक के कार्य में लेना पड़ रहा है। पुरानी चौकी में हवालात नहीं होने से क्षेत्र में पकड़े जाने वाले आरोपियों को चौकी से बारह किमी दूर घाड़ थाने में पहुंचाना पड़ रहा है।
वहीं नवनिर्मित पुलिस चौकी में हवालात, बैरक, कार्यालय व मैस सहित सभी सुविधाए है, मगर निर्माण के होने के छह साल बाद भी अधिकारी चौकी का उद्घाटन नहीं करवा रहे हैं।


बीस गांव व राजमार्ग का जिम्मा
गौरतलब है कि सरोली पुलिस चौकी के पास जयपुर-कोटा राजमार्ग महुआ से लेकर सरोली व क्षेत्र की जूनिया, देवड़ावास, भरनी व गैरोली पंचायत सहित बीस गांवों की सुरक्षा का जिम्मा है। क्षेत्र में सरोली मोड़ 2, जूनिया मोड़ 2, देवड़ावास एक, गैरोली मोड़ एक, नयागांव 2, भरना पेट्रोल पम्प एक, भरना पुलिया एक, भरनी पुलिया व महुआ मोड़ एक कुल 11 सबसे दुर्घटना के पाइंट है
मैं हाल ही में स्थानांतरण होकर यहां आया हूं। मैं स्वयं मामले को देखकर समाधान के लिए उच्चाधिकारियों को लिखित व मौखिक अवगत कराऊंगा।
संजय शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक, देवली

चौकी में वर्तमान में वाहन व नफरी का अभाव है। नए चौकी भवन में बिजली व पेयजल का के अभाव के कारण उद्घाटन नहीं करवा पा रहे हंै। अधिकारियों को अवगत करवा दिया है। जल्दी वाहन व नफरी मिल जाएगी साथ ही भवन का उद्घाटन कराया जाएगा।
राजेन्द्रप्रसाद शर्मा, प्रभारी पुलिस चौकी, सरोली मोड़।

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