इससे राजमार्ग पर आए दिन होनी वाली दुर्घटनाओं सहित अन्य घटनाओं में होने वाले घायलों, आने वाले फरियादियों एवं आमजन को राहत नहीं मिल पा रही है। वही कई सालों से बनकर तैयार नवनिर्मित चौकी भवन का उद्घाटन नहीं होने से पुलिसकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है देवली से टोंक 62 किलोमीटर के राजमार्ग के बीच तीन पुलिस चौकियां हंै, लेकिन सरोली पुलिस चौकी, क्षेत्र में सबसे अधिक दुर्घटना पाइंट होने द्रुतगामी बसों का ठहराव होने से अति महत्वपूर्ण है।
राज्य में आए दिन होने वाली हत्याएं व लूट के बाद राजमार्ग पर नाकाबंदी तो करवा दी जाती है, मगर पुलिसकर्मियों के पास हथियार नहीं होने से उन्हें डंडों के सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। इससे भी अधिक समस्या उन्हें स्टाफ की कमी को लेकर उठानी पड़ रही है।
पुलिस चौकी में हवालात भी नहीं
पुरानी चौकी में दो ही कमरें होने के कारण पुलिसकर्मियों को एक कार्यालय व दूसरा बैरक के कार्य में लेना पड़ रहा है। पुरानी चौकी में हवालात नहीं होने से क्षेत्र में पकड़े जाने वाले आरोपियों को चौकी से बारह किमी दूर घाड़ थाने में पहुंचाना पड़ रहा है।
बीस गांव व राजमार्ग का जिम्मा
गौरतलब है कि सरोली पुलिस चौकी के पास जयपुर-कोटा राजमार्ग महुआ से लेकर सरोली व क्षेत्र की जूनिया, देवड़ावास, भरनी व गैरोली पंचायत सहित बीस गांवों की सुरक्षा का जिम्मा है। क्षेत्र में सरोली मोड़ 2, जूनिया मोड़ 2, देवड़ावास एक, गैरोली मोड़ एक, नयागांव 2, भरना पेट्रोल पम्प एक, भरना पुलिया एक, भरनी पुलिया व महुआ मोड़ एक कुल 11 सबसे दुर्घटना के पाइंट है
संजय शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक, देवली चौकी में वर्तमान में वाहन व नफरी का अभाव है। नए चौकी भवन में बिजली व पेयजल का के अभाव के कारण उद्घाटन नहीं करवा पा रहे हंै। अधिकारियों को अवगत करवा दिया है। जल्दी वाहन व नफरी मिल जाएगी साथ ही भवन का उद्घाटन कराया जाएगा।
राजेन्द्रप्रसाद शर्मा, प्रभारी पुलिस चौकी, सरोली मोड़।