घरों से निकलने वाला गंदा पानी यहां जमा रहने के कारण क्षेत्र में मच्छर सहित अन्य कीटाणु पनप रहे है, जिससे यहां रहने वाले लोगों को बीमारियों का खतरा बना हुआ है। साथ ही जमा गंदे पानी से उठने वाली दुंर्गध से माहौल भी दूषित हो रहा है। नाले के अंतिम छोर पर पानी की निकासी के रास्ते सहित जगह-जगह लोगों ने अतिक्रमण कर नाले को पाट दिया है।
बरसात का पानी भी इसी नाले से होकर हाइवे की ओर बने नाले में जाकर मिलता है, लेकिन वहां पर भी अतिक्रमण कर पानी की निकासी को रोक दिया है। बरसात के दिनों में सडक़ किनारे बनी दुकानों व मकानों में पानी भर जाने से नुकसान उठाना पड़ता है। इस समस्या के बारे में लोगों द्वारा पांच साल से लगातार नगर परिषद, कलक्टर तक को कई बार लिखित में शिकायतें दी जा चुकी है।
यहां तक की पार्षदों ने भी समस्या से राहत दिलवाने के लिए कई प्रयास किए गए है, लेकिन उनको भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है। लेकिन इन पांच सालों में पांच आयुक्त व तीन कलक्टर जरूर बदल गए, लेकिन उन्होनें भी लोगों की इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। यहां तक की सम्पर्क पोर्टल पर भी की गई शिकायतों का निस्तारण भी जिम्मेदारों ने कागजों में कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी। विभागीय अधिकारी की इस लापरवाही के कारण सरकार के सुशासन के दावें की भी पोल खुल रही है।