पीडि़त लोडक्या लाल रैगर ने आरोप लगाया था कि वह पिछले 6 वर्षों से एक फाइनेंस कम्पनी में रिकवरी का कार्य कर रहा है तथा ग्राहक से किस्त लेने आता है। इसी दौरान उसकी जान पहचान सीमा गुर्जर से हो गई। उसने कर्नल प्रेम सिंह बैंसला के बारे में बताया तथा पीडि़त के मोबाइल नम्बर भी बैंसला को दे दिए। इसके बाद उससे संपर्क कर अपने को आर्मी में बड़ा अफसर व कई बड़े शहरों में मकान व खेती की जमीन होना बताया।
विश्वास में आकर 15 अप्रेल 2021 तक पीडि़त ने 58 हजार व 1.45 लाख की किस्त जमा करवाई। इसके बाद उसने ही बाबा बालक नाथ से मिलवाया। कर्नल प्रेम सिंह ने उसे सीमा के घर बुलाया। उसके साथ बबलू गुर्जर व शिवसिंह था, उन्होंने आरपीएससी में नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया। उस समय उसके साडू रामचन्द्र की पुत्री मनीषा व उसके रिश्तेदार राजकुमार वर्मा ने रीट की परीक्षा दी थी तथा साडू के पुत्र लक्की व मनीष ने पटवारी की परीक्षा दी थी। भतीजे मुरली, कुलदीप, हरीश, सीताराम, रिश्तेदार बाबूलाल, लोकेश की नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
कुछ समय बाद प्रेम सिंह बैंसला व उसकी पुत्री कसक 20 फरवरी 2021 को देवली आए तथा नौकरी लगाने के बहाने एक लाख रुपए एडवांस ले लिए। अक्टूबर 2021 को फिर पिता-पुत्री आए और कार में बैठाया और कुचलवाड़ा बाई पास ले गए तथा वहां नौकरी लगाने के नाम पर 40 लाख रुपए तथा भतीजे मुरली व कुलदीप के समक्ष 50 लाख लिए। जब रीट, पटवारी व एमईएस परीक्षा परिणाम आया तो किसी का चयन नहीं हुआ। जब राशि वापस मांगी तो सीमा व कसक ने लौटाने की बात की। लेकिन राशि नहीं मिली।