वहीं दूसरी ओर चिकित्सालयों में रिक्त चल रहे पदों से भी रोगियों को उपचार के लिए कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। जिले का सबसे बड़ा अस्पताल टोंक में सआदत है। इसके अधीन ही जनाना चिकित्सालय है।
इसके अलावा शहर में 5 डिस्पेंशनरी है। जिले में 90 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 11 सामूदायिक चिकित्सालय है। इसमें चिकित्सकों की पद सृजित के मुकाबले अधिक है। शहर की डिस्पेंशनरी में तो चिकित्सक कभी कभार ही बैठते हैं। ऐसे में शहर समेत जिलेभर का भार सआदत अस्पताल पर है।
रोगी परेशानी-कैसे हो उपचार
उनियारा. उपखण्ड की सबसे बड़ी सीएचसी में चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य कर्मियों के पद लम्बे समय से रिक्त पड़े होने से जहां प्रतिदिन आने वाले रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं उन्हें दूरदराज के स्थानों पर जाकर उपचार करवाने को मजबूर होना पड़ता है। चिकित्सालय में चिकित्सक एवं रोग विशेषज्ञों के कुल 7 पद सृजित है। इनमें कनिष्ठ प्रसूति रोग विशेषज्ञ, एवं एक चिकित्साधिकारी को छोडकर कनिष्ठ सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ, एनेसथिसिया, मेडीसन कनिष्ठ विशेषज्ञ, दन्त चिकित्सक के पद रिक्त है।
इसी प्रकार मेल नर्सों के कुल पांच पद सृजित है। इनमें तीन पद रिक्त हैं। साथ ही दो एएनएम एवं एक महिला स्वास्थ्य दर्शिका (एलएचवी) के पद सृजित है जो रिक्त है। अन्य व्यवस्थाओं में एक रेडियोग्राफर तथा एक तकनीकि सहायक तथा तीन क्लीनिक अभिलेख के पद भी रिक्त है।
उक्त चिकित्साकर्मियों के पद रिक्त होने से जहां चिकित्सालय में प्रतिदिन आने वाले रोगियों को परेशानी तो होती ही है। वहीं दो चिकित्सकों के पास ही मरीजों की भीड़ जमा रहती है।