बैठक में कांग्रेस-भाजपा के पदाधिकारी समेत, उद्योगपति, पत्रिका के चैंजमेकर, वांलिटियर, एडवोकेट, शिक्षाविद्, समाजसेवी आदि शामिल हुए। सब ने जिले के विकास के लिए मतदान बढ़ाने पर जोर दिया।
एडवोकेट अरविंद विजय ने कहा कि जिला लगातार पिछड़ता जा रहा है। इसका कारण जनप्रतिनिधियों की ओर से ध्यान नहीं देना है। जिले में एक भी परियोजना ऐसी नहीं हैजिसे लोगों को रोजगार मिल सके।
कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष शिवजीराम मीणा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का रुझान बढ़ा है।
शिक्षाविद् गोरधन हिरोनी ने कहा कि मतदान बढ़ाने के लिए प्रशासन की ही जिम्मेदारी नहीं है। इसके लिए कांग्रेस-भाजपा समेत अन्य पार्टियों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। प्रत्याशी व पदाधिकारी जब लोगों के पास जाए तो अपने लिए तो वोट मांगी ही, लेकिन लोगों को ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए भी कहे। साथ ही जिले में विकास की बात की जाए तो पिछड़पान दूर होना चाहिए।
शिक्षाविद् व समाजसेवी अमीरअहमद सुमन ने कहा कि कॉलेज से ही प्रयास किए जाने चाहिए मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए। इसके लिए कॉलेज विद्यार्थियों को हर तरह से जागरूक किया जाए। साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि जिले को एक भी बड़ा प्रोजेक्ट मिल जाए तो विकास अपने आप ही हो जाएगा। जैसे की बांसवाड़ा व झालावाड़ में है, लेकिन टोंक में ऐसा नहीं होने से लोग रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं।
समाजसेवी डॉ. जे. सी. गहलोत ने कहा कि जिले के विकास के मुद्दों को हर बार नजरअंदाज कर दिया जाता है। रेल का मुद्दा तो सालों से चला आ रहा है, लेकिन इसे सरकार पूरा नहीं कर रही है। इसी प्रकार जिले में अन्य विकास के मुद्दे भी सरकार के स्तर पर नहीं उठाए जा रहे हैं।
उद्योगपति व कांग्रेस नेता मोईननिजाम ने कहा कि विकास तब होगा, जब कोईबड़े स्तर का नेता लोकसभा चुनाव में आएगा। उन्होंने विधानसभा चुनाव का उदाहरण दिया। मोईन ने कहा कि विकास की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधि की होती है। इसके लिए मतदाता उन्हें कहे। ये तब होगा जब मतदाता जागरूक होगा।
भाजपा के पूर्व पार्षद धर्मेन्द्रसिंह राजावत ने कहा कि जिस प्रकार आधार अनिवार्य किया जा रहा है। उसी प्रकार मतदान को भी अनिवार्य किया जाना चाहिए। ऐसे में अपने आप ही मतदान प्रतिशत बढ़ जाएगा।