इस दौरान मार्ग सहित सुदर्शनोदय तीर्थ क्षेत्र आचार्य विद्यासागर व मुनि पुंगव सुधासागर ससंध के जयकारों से गुंज उठा। पदयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने बाद में श्रीफल भेंटकर मुनि का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर मंदिर समिति अध्यक्ष चेतनकुमार जैन, ज्ञानचन्द बज, नीरज छाबड़ा, ललित पाटनी, भागचन्द छाबड़ा, पदम अजमेरा, राजेश कटारिया, भंवरलाल मुगलाना, संजय जैन, प्रकाशचन्द जैन सहित महिलाए व युवां मौजूद थे।
सत्य को जीवन में अपनाना होगा- मुनि महासागर
संसार के सभी मनुष्य सत्य को तो जानते ही है, लेकिन सत्य का साक्षात्कार बहुत कम लोग कर रहे है। संसार की सभी समस्याओं और दु:खों का कारण भी यही है।
कारण यह है कि हम सत्य को जान रहे है, लेकिन जीवन में अपना नहीं रहे। इससे संसारी प्राणी दु:खी रहता है। मुनि महासागर ने सुदर्शनोदय तीर्थ क्षेत्र आवां में चल रहे दस दिवसीय समयसार शिक्षण शिविर के तीसरे दिन बुधवार छात्रों-श्रद्धालुओं को प्रवचन कर यह बात कही। समयसार की चर्चा करने से आत्मा की उपलब्धि नहीं होगी।
आत्मा की चर्चा करने से आत्मा की उपलब्धि नहीं होगी। आत्मा से चर्चा करोंगे तो आपी तत्व की अनुभूति प्रतीत होगी। मंदिर समिति के मुकेश ठग व चन्द्रप्रकाश हरसोरा ने बताया कि प्रवचन के बाद मंगल-गीतों के बीच मुनि पुंगव सुधासागर की आहारचर्या हुई।
आहारचर्या के पुण्यार्जक घनश्याम, मुकेश व चन्दा बोरखडिय़ा आवां वाले जयपुर रहे। सामायिक के बाद देश-प्रदेश से आए श्रद्धालुओं व शिविर में भाग ले रहे छात्रों ने श्रीफल भेंटकर मुनि सुधासागर का आशीर्वाद लेकर ज्ञान का पाठ पढ़ा। शाम को शिविर में मुनि ने छात्रों व श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
सुबह मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान का अभिषेक कर शांतिधारा की। मनीष पाटनी, कैलाश ठग, पवनकुमार जैन, अशोक धानोत्या, ओमप्रकाश ठग, संजय छाबड़ा भी थे।