दुकानों में ऊनी वस्त्र खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़ रहती है। सुबह से शाम तक दुकानों पर रौनक बनी हुई है। अच्छी बिक्री होने से दुकानदारों के चेहरे भी खिले हुए हैं। लोग गर्म कपड़ों के बाजार में दस्ताने, इनर, टोपी, मोजे जैकेट, स्वेटर, शाल आदि की मांग बढ़ गई है। मगर बदलते ट्रेंड के साथ ऊनी कपड़ों का लुक भी बदल गया है।
इस कारण डिजाइनर ऊनी कपड़े भी लोग पहनना पसंद कर रहे हैं। दूकानदारों के अनुसार इस सर्दी के सीजन में लगभग 20 लाख रुपए के प्रतिदिन के गर्म कपडा़ें की खरीदारी हो रही है। शहर में लगभग छोटी बड़ी सहित 200 से अधिक दूकानों पर सर्दी से सम्बधित गर्म वस्त्रों की खरीदारी होती है। इसी प्रकार लगभग 80 से अधिक छोटी बड़ी इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रिोनिक्स की दूकानों पर भी सर्दी से बचाव के लिए काम में आने वाले उपकरण लगभग 50 लाख रुपए से अधिक के इस बार बिक चुके हैं।
50 लाख से अधिक बिजली उपकरण बिके तेज सर्दी व गलन बढऩे के साथ ही गर्म कपडों की तरह इलेक्ट्रिोनिक व इलेक्ट्रिक बाजार में भी सर्दी बचाव में काम आने वाले बिजली से चलने वाले उपकरणों की गत वर्षों की अपेक्षा पांच गूना बढ़ोतरी हुई है। जिससे कोरोना काल में हुए नुकसान को लेकर दूकानदार भी खुश नजर आ रहे है।
नोशे मियां के पुल स्थित बिजली की दुकान लगाने वाले अब्दुल सलाम ने बताया कि इस पड़ी सर्दी में अच्छी दुकानदारी हुई है। सर्दी से बचाव के लिए बिजली से चलने वाले उपकरणों की मांग अधिक आ रही है।
उन्होंने बताया कि बाजार में मांग इतनी बढ़ गई कि गत वर्ष का बचा काफी पुराना माल तो कई दिनों पहले ही बिक चुका है। अब प्रतिदिन मांग के अनुसार माल मंगवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार बाजार में नया ऑयल रेडिएटर आया है जो चलने पर वातावरण में ऑक्सीजन को खत्म नही करता जबकि अन्य उपकरण ऑक्सीजन को खत्म करते है। ये वैसे ही काम करता है जैसी एसी करता है।
बाजार में इसकी कीमत पांच हजार से 15 हजार तक है। सुभाष बाजार स्थित इलेक्ट्रिक की दूकान करने वाले दिनेश जैन ने बताया कि इस बार सर्दी को लेकर बिजली के उपकरणों की मांग अधिक बनी हुई। अधिकतर लोग सिगड़ी व वार्मर की मांग कर रहे है।
जैन ने बताया कि इसके अलावा ङ्क्षसगल व डबल राड में 1000 से 2000 वाट के हिटर, फैन ब्लॉवर , हिटर , पानी गर्म करने की रॉड, गीजर आदि अपनी सुविधा के अनुसार लोग खरीद रहे है। कलक्ट्री के समने दुकान करने वाले मुरारी लाल वर्मा ने बताया कि इस बार पड़ी सर्दी के कारण पिछले साल के साथ इस बार मंगवाया नया माल भी बिक चुका है। इस बार नए माल में 50 से 100 रूपए बढ़ोतरी हुई है।
चार साल बाद चला गर्म कपड़ों का बाजार
घंटाघर के पास रेडिमेड़ की दुकान लगाने वाले राजेश समर्पित ने बताया कि इन दिनों जैसी सर्दी पिछले चार साल पूर्व में पड़ी थी। तब भी बाजार में ऊनी वस्त्र सहित गर्म कपडों की अधिक मांग होने के कारण बाजार में माल की कमी हो गई थी ।
राजेश ने बताया कि ठीक उसी प्रकार अभी पड़ रही सर्दी में भी गर्म वस्त्रों की अधिक मांग आ रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल का बचा हुआ माल तो कई दिनों पहले ही खत्म हो गया। अब तो पिछले डेढ़ महीने से हर दिन माल का नया आर्डर लगाना पड़ रहा है।
लेकिन जयपुर व अन्य स्थानों से उच्च क्वालटी के माल की कमी होने के कारण आर्डर देने के बाद पांच दिन लग रहे है। गर्म कपड़ों में 150 से लेकर 2000 तक के बच्चों व बडों (महिला पुरुषा दोनों) सहित विभिन्न प्रकार की वैरायटी दुकानों पर बिक रही है। राजेश ने बताया कि इस बार गर्म वस्त्रों का बाजार ओर सालों की अपेक्षा चार गुना बढ़ा है।