विद्यालय परिसर में पानी निकास नहीं होने के चलते भर गया। आलम ये है कि कई दिनों से पानी भरा हुआ है। इसके बावजूद इसके निकास की व्यवस्था ग्राम पंचायत की ओर से नहीं की जा रही है। ऐसे में सोमवार को स्कूल पहुंचे विद्यार्थी काफी दूर ही खड़े हो गए। ऐसे में प्रधानाध्यापक सीताराम सैनी विद्यार्थियों को अपने घर ले गए।
जहां कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई कराई गई। ऐसी ही स्थिति गत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भी हुई थी। तब प्रधानाध्यापक को पानी में खड़ा होकर तिरंगा फहराना पड़ा था। वहीं विद्यार्थियों को स्कूल के बाहर सडक़ पर खड़े होकर राष्ट्रगान गाना पड़ा था। स्थानीय प्रशासन ने उन दिनों भी ध्यान नहीं दिया।
इसी का नतीजा रहा कि स्कूल पानी से घिर गया और विद्यार्थी स्कूल तक नहीं पहुंच पाए। स्कूल प्रशासन ने इसकी शिकायत जिला कलक्टर से लेकर मुख्यमंत्री की हेल्पलाइन तक कर दी,लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में शिक्षकों को मकान में स्कूल चलाना पड़ रहा है।
कुशालपुरा गांव के चारों तरफ कीचड़, राहगीरों का निकलना हुआ दुश्वार
राजमहल. पंचायत क्षेत्र के कुशालपुरा गांव में चारों तरफ बारिश का पानी एकत्र होकर कीचड़ में तब्दील हो रखा है, जिससे लोगों का गांव से बाहर निकलना दुश्वार हो रहा है। ग्रामीण महावीर चौधरी, अशोक कुमार, नारायण चौधरी आदि ने बताया कि दाईं मुख्य नहर से गांव की ओर लगभग एक किमी तक मुख्य मार्ग में एक एक फीट तक कीचड़ भरा हुआ है।
इसी तरह गांव के अन्य मार्गों पर भी जगह-जगह कीचड़ एकत्र हो रखा है, जिससे दुपहिया वाहन निकलना तो दूर ग्रामीणों का पैदल गुजरना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं नंगे पैर गुजरते लोगों के पैरों में चर्मरोग होने लगा है। कीचड़ को लेकर ग्रामीणों ने कई बार ग्राम पंचायत भवन पर प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से लोगों में नाराजगी बनी हुई।