समारोह में संजे-धंजे शाही रथ में समारोह स्थल से श्रीजी की शोभायात्रा बैण्डबाजों व महिला बैण्ड वादन की मधुर स्वर लहरियों के साथ शुरू हुई। भगवान की शोभायात्रा में महिला, पुरुष, बच्चे व बालिकाएं भजनों पर भक्ति नृत्य करते चल रहे थे, मार्ग में जैन समाज के श्रद्धालुओं व ग्रामवासियों ने शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा की।वहीं शोभायात्रा के दौरान भगवान चन्द्रप्रभु व श्रीजी की जयकारों से मुगलाना गांव गुंजायमान हो गया।
बाबूलाल जैन, भवंरलाल बडज़ात्या, प्रकाशचंद सोनी ने बताया कि इससे पहले प्रतिष्ठाचार्य पं. मनीष जैन शास्त्री की ओर से उच्चारित वैदीक मंत्रों से श्रद्धालुओं ने प्रात: नित्य अभिषेक, शांतिधारा व पुजनकर विश्व शांति हवन किया।
इसके बाद नवनिर्मित मंदिर की वैदी पर भगवान श्रीजी को विराजमान किया गया। इस दौरान पांडाल में प्रवचन करते हुए आर्यिका कीर्र्तिमती माताजी ने कहा भगवान का स्मरण करने मात्र से सभी जीवों का कल्याण होता है तो धर्म करने से परिवार में सुख-शांति कायम रहती है साथ ही धन व व्यापार में वृद्धि होती है।
गौरतलब है समाज की ओर से करीब 200 साल से अधिक पुराने भगवान चन्द्रप्रभु भगवान के जीर्ण-शीर्ण मंदिर की जगह लाखों की लागत से नवीन मंदिर का निर्माण कराया है। इस मौके पर राकेश बडज़ात्या, अशोककुमार जैन, ताराचंद जैन, भागचंद जैन, प्रेमचंद जैन, बाबूलाल जैन, आशीष, पवनकुमार बडज़ात्या व अन्य मौजूद थे।