टोंक काफी पिछड़ा हुआ है। ऐसे में टोंक के लिए बड़ी परियोजना आनी चाहिए। इससे शहर समेत जिले का विकास होगा। इससे बेरोजगारी भी दूरी होगी। वहीं शहर का विकास होगा।
ईसरदाबांध हो पूरा
ईसरदा बांध का निर्माण जारी है, लेकिन कार्यकाफी धीमी गति से चल रहा है। इसका कार्य जल्द पूर्णहोगा तो अगली बरसात में बनास नदी का पानी व्यर्थनहीं बहेगा। बल्कि पानी टोंक में वजीरपुरा तक भरा रहेगा। इससे क्षेत्र का जल स्तर भी बढ़ेगा।
शहर में बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती जा रही है। इसका कारण हैकि शहर के औद्याोगिक क्षेत्र पर सरकार की ओर से ध्यान नहीं है। वहीं बड़ी इकाईभी टोंक में नहीं है। ऐसे में शहर के बेरोजगारों को पलायन करना पड़ता है।
जिले में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। टोंक में रसिया की छतरी, हाथी भाटा, सुनहरी कोठी आदि है, लेकिन सरकार की ओर से इन्हें पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया है। ऐसा होने पर निश्चित ही विकास होगा।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों के हालात खराब है। इस बजट से उम्मीद हैकि जिले की क्षतिग्रस्त सडक़ों के लिए विशेष योजना स्वीकृत की जाए। ताकि ग्रामीणों को सडक़ों का लाभ मिल सके।
जिले के राजकीय अस्पतालों में चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी है। कईप्रकार की सुविधाएं भी नहीं है। ऐसे में रोगियों को उपचार का पूर्णलाभ नहीं मिल रहा है। सरकार को बजट में इस ओर ध्यान देना चाहिए।
जिले में उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को जयुपर व कोटा समेत अन्य शहरों का रुख करना पड़ रहा है। जबकि टोंक में उच्च शिक्षा का हब बनना चाहिए। ताकि जिले के विद्यार्थियों को अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़े। बजट से इसकी उम्मीद है।