शहर के गंदे पानी की निकासी सीआईएसएफ परिसर में नेक चाल तालाब में नाले से होती है, लेकिन गंदे पानी के साथ अपशिष्ट, मलमूत्र एवं प्लास्टिक पॉलीथिन से तालाब प्रदूषित होने से बल ने प्रशिक्षण केंद्र में विपरीत प्रभाव के चलते गंदे पानी की निकासी की समस्या के लिए पालिका प्रशासन को आगाह किया था।
बाद में पालिका द्वारा बनाए नेकचाल सडक़ मार्ग निर्माण के दौरान सुरक्षा नाला से पानी देवली गांव मॉडल तालाब पहुंचने लगा, जिससे तालाब का सौन्दर्यकरण बिगडऩे एवं गंदगी की बदबू से लोगो की परेशानी के मुद्दे को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। इसको लेकर पालिका प्रशासन एवं बल अधिकारियों के बीच विचार विमर्श भी हुआ।
गंदे पानी की आवक से देवली गांव में मॉडल तालाब इस वर्ष गर्मी में भी लबालब भर गया। नगरपालिका क्षेत्र का गन्दा पानी नालों के जरिये नेकचाल तालाब में जाता रहा है। सीआईएसएफ अधिकारियों द्वारा कई बार गन्दा पानी नेकचाल तालाब में रोके जाने पर गन्दा पानी सडक पर बहता हुआ देवली गांव की ओर चला जाता था, जिससे देवली गांव के निवासीयों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पडता था।
बाद में पालिका मण्डल की साधारण सभा में नेकचाल तालाब पर अपशिष्ट जल के शुद्धिकरण के लिए ट्रिटमेन्ट प्लान्ट नगरपालिका की निजी आय से बनाने का निर्णय लिया,जिसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार करवायी गई, जिसे तकनीकी परीक्षण के लिए राज्य सरकार को भेजा गया। इसके लिए 10 करोड़ रुपए की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है।
कार्य की शीघ्र निकलेगी निविदा नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी सुरेश कुमार मीणा ने बताया कि एसटीपी प्लांट निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति के बाद शीघ्र वितीय स्वीकृति देकर प्लांट निर्माण की निविदा निकाली जाएगी।ताकि शहर के गंदे पानी से जुड़ी समस्या का समाधान हो।