मौका था सीआईएसएफ के स्वर्ण जयंती वर्ष के सुरक्षा सप्ताह के तहत हथियारों की प्रदर्शनी व उनके संचालन को लेकर आयोजित प्रदर्शन समारोह का। उन्होंने कहा कि सेना के जवान कड़े प्रशिक्षण के बाद आधुनिक हथियारोंं के संचालन में महारत हासिल करते है।
इसी कौशल के दम पर जवान दुश्मन के दांत खट्टे करने में कोई कसर नहीं रखते है। इस दौरान आधुनिक हथियारों के संचालन का प्रदर्शन देखने के लिए शहर के निजी बीएड कॉलेज के विद्यार्थियों को भी आमंत्रित किया गया।
इस मौके पर सीआईएसएफ के हथियार संचालन प्रशिक्षण क्षेत्र मेेें युद्ध के दौरान बनाई जाने वाले बंकर, गुफाए व सुरंग आदि भी तैयार की गई। इन्हें देखकर एक बार तो, प्रदर्शन देखने आए विद्यार्थियों को लगा जैसे यहां सेना का युद्ध होने वाला है।
इस दौरान बंकर के भीतर जवानों के छिपकर मोर्चा संभालने, फायरिंग करने समेत विधाओं का प्रदर्शन किया गया। इसी तरह जवानों की ओर से विभिन्न मुद्राओं में फायरिंग प्र्रणाली का महत्व बताया गया। इसके अलावा पानी में जवान के छिपकर मोर्चा संभालने के प्रदर्शन को लेकर विद्यार्थियों ने दांतों तले अंगुलियां दबा ली। खेत में लम्बी सुरंग बनाकर दुश्मनों पर घात लगाने जैसे हैरत अंगेज साहसिक प्रदर्शन भी किए।
इन हथियारों का किया प्रदर्शन
इस दौरान डीआईजी मलिक ने एमपी-5, एके-47, एमएमजी, 9 एमएम पिस्टल, 9 एमएम कबाइन मशीन, असाल्ट राइफल, लोडिंग राइफल, स्नाइपर, क्लास निको, पीपीएच गन, मोर्टार, मल्टी विरल लॉन्चर, बुक बम, मोबाइल बम, थर्मस बम, रॉकेट लॉन्चर, गे्रनेड, यूबीएच लॉन्चर समेत कई आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया।
साथ ही हथियारों के संचालन व उनकी मारक क्षमता के बारे विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान डीआईजी ने विद्यार्थियों के हाथों में हथियार सौंपकर उनके संचालन की जानकारी भी उपलब्ध कराई। साथ ही एक बीएड की छात्रा से ग्रेनेड बम फिकवाकर उसके संचालन के बारे में भी व्यवहारिक तौर पर बताया।
नहीं देखा कभी ऐसा
सीआईएसएफ के हथियारों के संचालन की प्रदर्शनी को देखकर निजी बीएड कॉलेज की छात्राएं रोमांचित हुए बिना नही रह सकी। उन्होंने पहली बार सेना के आधुनिक हथियारों को इतनी करीब से देखा।
इस दौरान फायरिंग के समय गोलियों व गे्रनेड के विस्फोट की आवाज सुनकर कई छात्राएं भी सहम गई। उन्होंने बताया कि ये हथियार इतने भारी है कि आम आदमी इसे चलाना तो दूर, कुछ देर तक इनका वजन भी सहन नहीं कर सकता है।
उन्होंने सेना के जवानों के साहस को सलाम किया तथा कहा कि देश के लोगों को सेना के जवानों के लिए हमेेशा कृतज्ञ रहना चाहिए। जो देश व हमारी सुरक्षा के लिए इतनी विपरित परिस्थतियों का सामना करने के बाद भी सीमा पर डटे रहते है। इस दौरान छात्राओं ने कई हथियारों को उठाकर परखा।
ये भी थे मौजूद
इस दौरान सीआईएसएफ के वरिष्ठ कमाण्डेंट भूपेन्द्र सिंह, उप कमाण्डेंट नवीन कुमार, सहायक कमाण्डेंट ए. सारन, ए.एके.सिंह, हरभजन लाल मीणा, हनुमान सिंह, निरीक्षक आर.एन. योगी व आर.एस. कपूरिया समेत अधिकारी मौजूद थे।