पुरानी यादें होने लगी ताजा यहां के आशियानों के साथ ही मंदिर, मस्जिद, गढ़ व किले भले ही जलभराव के आगोश में समा गये थे। मगर बांध का जलभराव सूखने के साथ ही वापस निकल आते है। जो फिर से बीसलपुर वासियों की पुरानी यादों को ताजा कर जाते हैं।
इन दिनों बांध के पानी का गेज दिनों दिन घटता जा रहा है। साथ ही जलभराव में डूबे आशियाने भी नजर आने लगे हैं। इन दिनों बीसलपुर गांव की तरफ से जब बांध को कैमरे में कैद करते है तो ऐसा ही प्रतीत होता है। मानों जैसे पानी सूखने के कगार पर पहुंच गया है। हालांकि बांध में भरा पानी अभियंताओं के अनुसार अभी भी नौ से दस माह के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में माना जा रहा है।
अब 29 प्रतिशत बचा पानी बीसलपुर बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बांध में कुल जलभराव का 29 प्रतिशत पानी अभी शेष बचा हुआ है। जो करीब 8 हजार हैक्टेयर भूमि में फैला हुआ है। बांध का गेज सोमवार को 310.20 आर एल मीटर दर्ज किया गया है। जिससे 11.351 टीएमसी का जलभराव है। वहीं आगामी 15 जून से मानसून आ सकता है। जिससे बांध में फिर से पानी की आवक होने की प्रबल संभावना है।