उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने शांति अहिंसा का जो पाठ दुनिया को पढ़ाया वह आज प्रासंगिक है। आज के युग में जब व्यक्ति भौतिकवाद से निराश होकर अध्यात्म की तरफ नई आशा के साथ देखता है तो उसको गांधी के शांति का विचार एकमात्र विकल्प नजर आता है और यही कारण है कि पूरी दुनिया में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती लगभग 116 देशों में मनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे देश में गांधी की 43 प्रतिमाएं हैं तथा लाइब्रेरी है, जिनमें लाखों पुस्तकें संग्रहित हैं। इससे समझ सकते हैं कि गांधी का विचार विश्व की महाशक्ति के यहां सिरमोर है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवराम सिंह यादव ने की। मुख्य वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि गांधी 150 जन्म उत्सव समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुजीब आजाद थे।
अजीम प्रेमजी हॉल में आयोजित शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुजीब आजाद ने कहा कि आज हिंसा की पराकाष्ठा का समय है। परमाणु बम तक हम पहुंच चुके हैं और यह विकास से विनाश की ओर जाने वाला रास्ता है। ऐसे में यदि हिंसा की स्थिति बनती है विनाश ही विनाश होगा।
इधर, राममोहन राय ने कहा कि लगभग 3 माह पहले जयपुर में गांधी विचार पर आधारित राष्ट्रीय शिविर का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के युवाओं ने भाग लिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निश्चय किया कि वह स्कूली पाठ्यक्रम में गांधी विचार को शामिल करेंगे।